
भारत निर्वाचन आयोग ने सेम नंबर वाले मतदाता पहचान पत्रों के मुद्दे का समाधान निकाल लिया है। निर्वाचन आयोग ने सेम नंबर वाले कार्ड होल्डरों को नए नंबर वाले नए मतदाता पहचान-पत्र जारी किए हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि समान मतदाता फोटो पहचान पत्र या ईपीआईसी नंबर के मामले "बहुत कम" थे जो चार मतदान केंद्रों में औसतन करीब एक हैं। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र स्तरीय सत्यापन के दौरान पाया गया कि समान ईपीआईसी नंबर वाले लोग अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों और अलग-अलग मतदान केंद्रों के वास्तविक मतदाता थे।
तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने लगाए थे हेराफेरी के आरोप
तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के वोटर लिस्ट में हेराफेरी के आरोपों के बीच, निर्वाचन आयोग ने मार्च में कहा था कि वे अगले तीन महीनों में ‘‘दशकों पुराने’’ मामले का समाधान करेगा। उन्होंने बताया कि लंबे समय से लंबित इस मुद्दे के समाधान के लिए, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और पूरे देश के सभी 4,123 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 10.50 लाख मतदान केंद्रों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा 99 करोड़ से ज्यादा वोटरों के संपूर्ण चुनावी डेटाबेस की पड़ताल की गई। औसतन प्रत्येक मतदान केंद्र पर लगभग 1000 मतदाता होते हैं।
भारत में वोट डालने के लिए वोटर लिस्ट में नाम होना अनिवार्य
बताते चलें कि भारत में होने वाले चुनावों में वोट डालने के लिए वोटर लिस्ट में नाम होना अनिवार्य है। भारत में आखिरी चुनाव दिल्ली का विधानसभा चुनाव था, जो इस साल फरवरी में हुए थे। देश में अब अगला चुनाव बिहार में होना है। बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद, अगले साल 2026 में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। साल 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पीटीआई इनपुट्स के साथ...