
उत्तर प्रदेश (यूपी) वालों को आने वाले दिनों में बिजली की महंगाई का जोरदार करेंट लग सकता है। राज्य में बिजली के रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। दरअसल, खबर है कि यूपी में यूपी पावर कॉरपोरेशन ने राज्य विधुत नियामक आयोग को इस बारे में एक प्रस्ताव दिया है। अगर यह मंजूर होता है तो बिजली 30 फीसदी तक महंगी हो सकती है। खबर के मुताबिक, प्रस्ताव में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में करीब 35 से 40 फीसदी और ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 40 से 50 फीसदी बढ़ सकती है।
प्रति यूनिट का खर्च कितना बढ़ेगा?
प्रस्ताव के मुताबिक ज्यादा लोड के साथ बिजली इस्तेमाल करने वाले शहरी उपभोक्ताओं को अब 13 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल देना होगा। पावर कॉर्पेरेशन के इस प्रस्ताव पर नियामक आयोग जुलाई में सुनवाई शुरू करेगा जिनके बाद ही बिजली के दाम बढ़ाने पर फैसला हो पाएगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश में 100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 5 रुपये 50 पैसे की दर से बिजली का बिल देना होता है जो प्रस्ताव पास होने पर छह रुपये 50 पैसे हो जाएगा।
300 से ज्यादा यूनिट के इस्तेमाल पर कितना देना होगा?
300 से ज्यादा यूनिट इस्तेमाल करने वालो को अभी 6.50 रुपये प्रति यूनिट बिल देना होता था जो नए प्रस्ताव में 9 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज, विद्युत कर और दूसरे टैक्स भी देना होगा जिसके बाद उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 12 से 13 रुपये देने होंगे। इसी तरह गांव में अभी 100 यूनिट तक बिजली का रेट 3 रुपये 35 पैसा प्रति यूनिट है जो प्रस्ताव पास होने के बाद 4 रुपये 50 पैसे हो जाएगा। गावों में 300 यूनिट से ज़्यादा इस्तेमाल करने वाले लोग अभी प्रति यूनिट 5.50 रुपये देते है जो बढकर 8 रुपये हो जाएगा।
इन कंपनियों के कस्टमर्स के लिए लागू
प्रस्ताव के मुताबिक, नई दरें डीवीवीएनएल, एमवीवीएनएल, पीवीवीएनएल, पीयूवीवीएनएल और केस्को के लिए लागू होंगी। सभी बिलों को निकटतम रुपए में पूर्णांकित किया जाएगा, यानी 49 पैसे तक को पिछले रुपए में पूर्णांकित किया जाएगा और 50 पैसे से अधिक को अगले रुपए में पूर्णांकित किया जाएगा। इस पूर्णांकन के कारण होने वाले अंतर को आगामी बिलों में समायोजित किया जाएगा।