बिजली मंत्रालय ने सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने का निर्देश दिया है।
गुरुवार 28 अप्रैल को देश में बिजली की मांग ने अपना सर्वोच्च स्तर 204.65 मेगावाट पहुंच गया। जो 7 जुलाई 2021 के 200.53 के रिकॉर्ड स्तर से अधिक है।
पहले से ही आर्थिक संकट की मार झेल रहे नेपाल में हालत इतने खराब हैं कि उसे कई औद्योगिक क्षेत्रों में कारखाने बंद करने पड़ रहे हैं।
कुछ कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के लिए आयातित कोयले पर आने वाली उच्च लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने देने पर सहमति बनी है
सूत्रों के अनुसार यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब सहित देश में बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दस राज्यों में कोयले की भारी किल्लत हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में ऊर्जा खपत 4.6 फीसदी बढ़कर 108.03 बीयू हो गई जो फरवरी 2021 में 103.25 बीयू थी।
राज्य के 52वें स्थापना दिवस पर यह घोषणा करते हुए कुछ अन्य श्रेणियों की शुल्क दरों में भी कटौती का ऐलान किया।
राजस्थान में बिजली महंगी हो गई है। कोयले ने उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार बढ़ा दिया है। राज्य में डिस्कॉम के फ्यूल सरचार्ज लगाने के बाद कीमतों में वृद्धि हुई है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 13 अक्टूबर तक पूर्वी क्षेत्र में बिजली उत्पादन 8.48 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि इस दौरान अन्य क्षेत्रों में लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
13 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक खानों से दूर स्थित ऐसे संयंत्र जिनके पास चार दिन से कम का कोयला स्टॉक था, उनकी संख्या घटकर 64 रह गई है। आठ अक्टूबर को यह संख्या 69 थी।
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिये निजी कंपनियों ने सिर्फ तीन दिन के अंदर देश भर में मनमानी दरों पर बिजली बेचकर 840 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
जोशी ने कहा कि कुछ कोयला खदानों के बंद होने और मानसून के कारण कुछ अन्य खदानों के जलमग्न होने से बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई। मंत्री ने बैठक में खनन के लिए जमीन की उपलब्धता से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की।
अगले 5 से 7 दिन में 20 लाख टन कोयला प्रतिदिन की सप्लाई शुरू हो जायेगी। वही कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिये रेलवे की साढ़े तीन सौ रैक की उपलब्धता कर दी गयी है।
राज्यों को लिखे पत्र में केंद्र ने कहा है कि केंद्रीय बिजली संयंत्रों से राज्यों के हिस्से की बिजली के कोटे का राज्य अपने उपभोक्ताओं की जरूरत के लिए ही इस्तेमाल करें
कोयले की कमी की वजह से एमएसईडीसीएल को बिजली की आपूर्ति करने वाले 13 थर्मल पावर प्लांट में उत्पादन ठप हो गया है, इसकी वजह से 3300 मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
पंजाब में बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के स्वामित्व वाली पीएसपीसीएल ने रविवार को कहा कि राज्य में 13 अक्टूबर तक रोजाना तीन घंटे तक बिजली कटौती की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने जहां देश में किसी तरह के बिजली संकट नहीं होने का दावा किया लेकिन महाराष्ट्र सरकार के बिजली विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी कर राज्य की जनता से बिजली की बचत करने की अपील कर दी है।
कोयले की कमी का असर राजधानी दिल्ली में भी दिखने लगा है। उत्तरी दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी TDPL ने आने उपभोक्ताओं को मैसेज भेज है कि आज 2 बजे से 6 बजे शाम तक बिजली की खपत सूझबूझ से साथ करें।
त्योहारी सीजन से पहले भारत में बड़ा संकट पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर सरकार ने इसे लेकर जल्द कदम नही उठाए तो इसका असर बड़े स्तर पर देखने को मिल सकता है।
मांग बढ़ने से बिजली की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) के अनुसार, अगस्त 2021 में अखिल भारतीय ऊर्जा मांग में 17.8 प्रतिशत सालाना की वृद्धि के साथ 129.4 अरब यूनिट (बीयू) तक सुधार जारी रहा।
लेटेस्ट न्यूज़