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थोक महंगाई मार्च में घटकर 2.05%, 6 महीने के निचले स्तर पर, इस वजह से मुद्रास्फीति में गिरावट

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2025 में 2.38 प्रतिशत दर्ज की गई थी। आने वाले महीनों में भी महंगाई के तेवर नरम रहने की उम्मीद है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 15, 2025 16:12 IST, Updated : Apr 15, 2025 16:41 IST
नोएडा के एक बाजार में सब्जी खरीदते आम लोग।
Photo:INDIA TV नोएडा के एक बाजार में सब्जी खरीदते आम लोग।

महंगाई के मोर्च से अच्छी खबर आई है। मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई, जो छह महीने का सबसे निचला स्तर है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सब्जियों, आलू और दूसरे खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के चलते थोक महंगाई में बड़ी राहत मिली है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल मार्च में यह 0.26 प्रतिशत थी।

खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 1.57 प्रतिशत

उद्योग मंत्रालय का कहना है कि बीते महीने महंगाई की पॉजिटिव दर के पीछे की मुख्य वजह उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली और कपड़ा विनिर्माण आदि की बढ़ती कीमतें हैं। मंत्रालय ने कहा कि सितंबर 2024 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत थी - जो मार्च में दर्ज 2.05 प्रतिशत से कम है। इसके अलावा, ताजा आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों में कहा गया है कि खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत हो गई, जबकि सब्जियों में भारी गिरावट देखी गई।

खुदरा महंगाई मामूली घटी

खुदरा मुद्रास्फीति भी मार्च 2025 में मामूली रूप से घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई। इससे पहले अगस्त, 2019 में यह 3.28 प्रतिशत के स्तर पर रही थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 3.61 प्रतिशत पर और पिछले साल मार्च में 4.85 प्रतिशत पर रही थी। खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 2.69 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी में यह 3.75 प्रतिशत और मार्च, 2024 में 8.52 प्रतिशत थी।

आलू-प्याज ने दी बड़ी राहत

मार्च 2025 के दौरान सब्जियों में 15.88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि फरवरी में यह 5.80 प्रतिशत थी। आलू की मुद्रास्फीति, जो फरवरी 2024 से डबल डिजिट में बढ़ रही थी, मार्च 2025 में गिर गई। मार्च 2025 में आलू की मुद्रास्फीति 6.77 प्रतिशत थी। प्याज की मुद्रास्फीति फरवरी में 48.05 प्रतिशत से घटकर मार्च में 26.65 प्रतिशत हो गई। आंकड़ों में हालांकि यह भी देखा गया कि मार्च में बने प्रोडक्ट्स में 3.07 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली, जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में भी मार्च में 0.20 प्रतिशत का इजाफा देखा गया, जबकि फरवरी में यह 0.71 प्रतिशत रहा।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर पारस जसराय का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए थोक मुद्रास्फीति औसतन 2.3 प्रतिशत रही। यह पिछले साल (-0.7 प्रतिशत) से ज्यादा है, लेकिन वित्त वर्ष 22-23 में 11.2 प्रतिशत से काफी कम है। कमोडिटी की कम कीमतों का पॉजिटिव असर आने वाले सयम में कम थोक मुद्रास्फीति के जरिये महसूस किया जाएगा। रबी उत्पादन के संतोषजनक समापन के नतीजे के चलते खाद्य मुद्रास्फीति नरम होगी। उम्मीद है कि निकट भविष्य में थोक मुद्रास्फीति 1.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

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