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WPI Inflation: मई में थोक महंगाई ने खाई पटकनी, घटकर 0.39% पर आई, जानें कैसे हुई कम

थोक महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक, मई में खाद्य पदार्थों में 1. 56 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अप्रैल में 0. 86 प्रतिशत की अपस्फीति थी। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jun 16, 2025 13:35 IST, Updated : Jun 16, 2025 13:46 IST
खुदरा मुद्रास्फीति मई में छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई।
Photo:INDIA TV खुदरा मुद्रास्फीति मई में छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई।

मई में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) घटकर 0. 39 प्रतिशत रह गई है। अप्रैल में थोक मूल्य मुद्रास्फीति आधारित महंगाई दर 0. 85 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल मई में यह 2. 74 प्रतिशत थी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई। उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मई 2025 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, बिजली, अन्य विनिर्माण, रसायन और रासायनिक उत्पादों, अन्य परिवहन उपकरणों के विनिर्माण और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

थोक महंगाई के आंकड़ों में कितना बदलाव?

खबर के मुताबिक, थोक महंगाई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मई में खाद्य पदार्थों में 1. 56 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अप्रैल में 0. 86 प्रतिशत की अपस्फीति थी, जबकि सब्जियों में तेज गिरावट देखी गई। मई में सब्जियों में अपस्फीति 21. 62 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल में यह 18. 26 प्रतिशत थी। हालांकि, विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 2.04 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल में यह 2.62 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में भी मई में 2.27 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अप्रैल में मुद्रास्फीति 2.18 प्रतिशत थी। 

महंगाई पर आरबीआई रहता है सतर्क

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि खुदरा मुद्रास्फीति मई में छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई। इसकी मुख्य वजह खाद्य कीमतों में नरमी है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति में कमी के बीच इस महीने बेंचमार्क नीतिगत ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की भारी कटौती कर इसे 5.50 प्रतिशत कर दिया।

महंगाई को लेकर आरबीआई का अनुमान क्या है

आरबीआई ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। चार प्रतिशत से कम औसत खुदरा मुद्रास्फीति का यह अनुमान हाल के वर्षों में सबसे कम है। अप्रैल में अपनी मौद्रिक नीति घोषणा में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा मुद्रास्फीति के औसतन चार प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। आरबीआई का कहना है कि सामान्य मॉनसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के अब 3.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। 

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