डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक निगेटिव थी और नवंबर में 0.26 प्रतिशत पर पॉजिटिव हो गई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत (अस्थायी) रही।’’ थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी।
पीपीआई ग्लोबल लेवल पर वस्तुओं और सेवाओं दोनों में मूल्य आंदोलनों को ट्रैक करता है। पीपीआई किसी निर्माता को घरेलू बाजार/निर्यात में बेची गई अपनी वस्तुओं/सेवाओं के लिए प्राप्त होने वाली कीमत में औसत परिवर्तन को मापता है।
WPI Inflation: अक्टूबर में थोक महंगाई दर कम होकर -0.52 प्रतिशत पर रही है। सितंबर में ये -0.26 प्रतिशत पर थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा के दाम में उतार-चढ़ाव तथा भू-राजनीतिक तनाव बने रहने तथा मौसम संबंधित अनिश्चितताओं के कारण मुद्रास्फीति को लेकर जोखिम बना हुआ है।
खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम होने से जून में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आई। ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई।
WPI Inflation May: भारत तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। मई महीने में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है।
Inflation RBI: भारत में अच्छे दिन के संकेत नजर आने लगे हैं। RBI के एक फैसले ने देश में महंगाई को कम करने का काम किया है। इस बार के रिपोर्ट में पिछले 34 महीने का रिकॉर्ड टूट गया है।
Inflation WPI News: भारती की तरक्की जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह सराहनीय है। वैश्विक मंदी के बीच महंगाई पर काबू पाने में देश को एक और सफलता मिली है। थोक महंगाई दर में कमी आई है।
थोक महंगाई में गिरावट की एक प्रमुख वजह निर्माण वस्तुओं के अलावा ईंधन और बिजली की कीमतों में गिरावट को बताया गया है। बेस्ड महंगाई में गिरावट का यह लगातार नौवां महीना है।
हालांकि, खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति बढ़कर 3.81 फीसदी हो गई। वहीं फरवरी में मुद्रास्फीति 2.38 प्रतिशत थी।
समीक्षाधीन महीने में दालों की महंगाई 2.41 प्रतिशत थी, जबकि सब्जियां 26.48 प्रतिशत सस्ती हुईं। तिलहन की मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में 4.22 प्रतिशत घटी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिसंबर 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.25 प्रतिशत और ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति 18.09 प्रतिशत थी।
नवंबर 2021 में थोक महंगाई यानि WPI 14.87 फीसदी थी थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति 19 महीने तक दहाई अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई थी।
आज खुदरा महंगाई के आंकड़े भी आएंगे। इसमें भी राहत की उम्मीद संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई अक्टूबर में 7 फीसदी के पार पहुंच गई है।
ससे पहले थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 12.41 फीसदी और पिछले साल सितंबर में 11.80 फीसदी थी। इस साल थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मई में 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। जिसके बाद से पिछले 4 महीनों में इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने, जुलाई में 13.93 फीसदी थी।
WPI: वर्तमान में सूचकांक में कुल 697 उत्पाद शामिल हैं। इनमें 117 प्राथमिक उत्पाद, 16 ईंधन और बिजली और 564 विनिर्मित उत्पाद शामिल हैं।
WPI Inflation: थोक महंगाई दर में थोड़ी राहत मिली, जून में 15.18% से घटकर जुलाई में 13.93% पर आई WPI Inflation some relief in wholesale price index, rate down from 15.18% in June to 13.93% in July
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है और तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है।
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