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WPI News: थोक महंगाई दो महीने बाद हुई पॉजिटिव, अगस्त में इतनी हो गई, जानें क्या सस्ता क्या महंगा हुआ

अगस्त महीने के दौरान सब्जियों, मांस, मछली और अंडों जैसी रसोई से जुड़ी चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई को अभी भी अपने नियंत्रण में मान रहा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Sep 15, 2025 02:57 pm IST, Updated : Sep 15, 2025 03:04 pm IST
खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर में गिरावट की रफ्तार धीमी हुई।- India TV Paisa
Photo:PTI खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर में गिरावट की रफ्तार धीमी हुई।

भारत में थोक मूल्य सूचकांक यानी WPI पर आधारित महंगाई दर दो महीने के बाद अगस्त 2025 में फिर से सकारात्मक हो गई है। यह 0.52% पर दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में हुई बढ़ोतरी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सरकार द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पहले, जुलाई में यह दर (-)0.58% और जून में (-)0.19% थी, जो नकारात्मक (डिफ्लेशन) रही थी। वहीं, पिछले साल यानी अगस्त 2024 में यह दर 1.25% थी।

मुख्य श्रेणियां और उनके आंकड़े (अगस्त 2025)

खाद्य वस्तुएं: इस श्रेणी में महंगाई की दर में गिरावट की रफ्तार धीमी हुई। अगस्त में यह 3.06% थी, जबकि जुलाई में 6.29% थी। खासकर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि देखी गई। सब्जियों में अगस्त में 14.18% की गिरावट रही, जो जुलाई में 28.96% थी।

विनिर्मित वस्तुएं: विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 2.55% हो गई, जो जुलाई में 2.05% थी।
ईंधन और बिजली: इस श्रेणी में नकारात्मक महंगाई (Deflation) 3.17% दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 2.43% थी।

खुदरा महंगाई और आरबीआई का रुख

थोक महंगाई के साथ ही खुदरा महंगाई दर (खुदरा महंगाई) में भी बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़कर 2.07% हो गई, जिसका मुख्य कारण सब्जियों, मांस, मछली और अंडों जैसी रसोई से जुड़ी चीजों की बढ़ती कीमतें हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा महंगाई पर अधिक ध्यान देता है। फिलहाल, आरबीआई ने अगस्त में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखा, जो यह दिखाता है कि केंद्रीय बैंक महंगाई को अभी भी अपने नियंत्रण में मान रहा है।

WPI क्या है?

WPI उन वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को ट्रैक करता है जो बड़ी मात्रा में (थोक में) खरीदी और बेची जाती हैं, जैसे- कच्चे माल, मध्यवर्ती वस्तुएं और तैयार उत्पाद।यह सूचकांक यह दिखाता है कि एक तय समयावधि में थोक स्तर पर कीमतें कैसे बदल रही हैं। इसके मुख्य घटक में खाद्यान्न, सब्ज़ियाँ, फल, खनिज, पेट्रोल, डीज़ल, कोयला, गैस और निर्मित वस्तुएं, वस्त्र, केमिकल्स, मशीनरी आदि शामिल हैं।

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