नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल को पहले ही दिन निवेशकों का शानदार सपोर्ट मिलता दिख रहा है। एनएसडीएल का 4,011 करोड़ रुपये का प्रारंभिक शेयर ब्रिक्री बुधवार को बोली खुलते ही कुछ ही घंटों में पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, 13:24 बजे तक प्राप्त बिड में 3,91,38,030 शेयरों के लिए बोली आई, जबकि ऑफर में 3,51,27,002 शेयर उपलब्ध थे, जिससे सब्सक्रिप्शन 1.11 गुना हो गया। गैर-संस्थागत निवेशकों के हिस्से को 1.48 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि रिटेल व्यक्तिगत निवेशकों के लिए तय हिस्से को 1.18 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। योग्य संस्थागत खरीदारों के हिस्से को 72 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ।
एंकर निवेशकों से 1,201 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए
खबर के मुताबिक, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी ने मंगलवार को एंकर निवेशकों से 1,201 करोड़ रुपये से अधिक पहले ही जुटा लिए हैं। यह प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 1 अगस्त को बंद होगा। इसके लिए मूल्य सीमा 760 रुपये से 800 रुपये प्रति शेयर निर्धारित की गई है। डिपॉजिटरी का यह सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) घटक पर आधारित है, जिसमें 5.01 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई है।
सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से ओएफएस
शेयरों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग के प्रशासक द्वारा बेचा जा रहा है। चूंकि यह सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से ओएफएस है, इसलिए एनएसडीएल को आईपीओ से कोई फंड हासिल नहीं होगा। यह लिस्टिंग एनएसडीएल को देश की दूसरी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध डिपॉजिटरी बनाएगी, क्योंकि सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल) पहले ही 2017 में एनएसई पर लिस्टेड हो चुका है।
सेबी के स्वामित्व नियमों का पालन सुनिश्चित होगा
एनएसडीएल की लिस्टिंग से सेबी के स्वामित्व नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, जिनके तहत कोई भी संस्था डिपॉजिटरी कंपनी में 15 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकती। एनएसडीएल के प्रमुख शेयरधारक आईडीबीआई बैंक और एनएसई को भी अपने हिस्से को इस सीमा के भीतर लाना होगा। मौजूदा समय में आईडीबीआई बैंक के पास 26.10 प्रतिशत और एनएसई के पास 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो सेबी के नियमों से अधिक है।
क्या है एनएसडीएल
एनएसडीएल एक सेबी-प्रमाणित मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्था है जो भारत के वित्तीय और प्रतिभूतियों के बाजारों को विभिन्न प्रोडक्ट्स और सेवाएं प्रदान करती है। साल 1996 में डिपॉजिटरीज अधिनियम लागू होने के बाद, इसने नवंबर 1996 में भारत में प्रतिभूतियों के डीमैटरीयलाइजेशन की शुरुआत की थी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र्स और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इस निर्गम के बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं।
कितना चल रहा GMP
30 जुलाई 2025 को, एनएसडीएल आईपीओ का GMP ₹126 है। अनुमानित लिस्टिंग मूल्य ₹926 है, यानी ऊपरी मूल्य बैंड पर प्रति शेयर 15.75% की बढ़त। माना जा रहा है कि इस आईपीओ को बाकी बचे दिनों में जबरदस्त सपोर्ट मिल सकता है।



































