
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पेटीएम के शेयरों में आज भयानक गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में पेटीएम के शेयर 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 864.40 रुपये के इंट्राडे लो पर कारोबार कर रहे थे। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लागू किए जाने की अटकलों को खारिज किए जाने के बाद निवेशकों ने पेटीएम के शेयरों में बिकवाली शुरू कर दी। एक समय पेटीएम के शेयरों में बिकवाली का दबाव इतना ज्यादा बढ़ गया कि इसका भाव गिरते-गिरते 864.40 रुपये पर आ गया। बताते चलें कि बीते कुछ महीनों में पेटीएम के शेयर काफी चर्चाओं में थे।
सरकार ने एमडीआर की अटकलों को बताया झूठा, निराधार और भ्रामक
दरअसल, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार यूपीआई ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट बहाल करने पर विचार कर सकती है, जिससे एक तय लिमिट के ऊपर यूपीआई ट्रांजैक्शन करने पर अलग से फीस का भुगतान करना होगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एमडीआर से जुड़ी अटकलों को झूठा, निराधार और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया। वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यूपीआई भुगतान पर कोई एमडीआर नहीं लिया जाएगा।
एमडीआर लागू हुआ तो क्या होगा
बताते चलें कि एमडीआर को लेकर ऐसी खबरें आ रही थीं कि 3000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एमडीआर लागू किया जा सकता है। एमडीआर लागू होने से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर अलग से चार्ज देना पड़ता है। लेकिन सरकार ने साफतौर पर एमडीआर लागू करने से मना कर दिया है। बताते चलें कि 2020 से ही यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीरो एमडीआर चलता आ रहा है। बताते चलें कि आप यूपीआई से एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। कुछ मामलों में यूपीआई की ये लिमिट ज्यादा भी हो सकती है। कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस जैसे मामलों में ये लिमिट 2 लाख रुपये है। जबकि टैक्स के भुगतान, एजुकेशनल फीस, अस्पतालों के लिए ये लिमिट 5 लाख रुपये है।