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Personal Loan लेने में लोन अवधि का रखें ख्याल, जानें ये ट्रिक और करें बड़ी बचत

लोन की अवधि चुनने में अपनी मासिक आय और व्यय का आकलन करें। कम अवधि के लोन के परिणामस्वरूप मासिक भुगतान अधिक होता है, जो आपके बजट को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 12, 2024 12:44 IST, Updated : Oct 12, 2024 12:44 IST
Personal Loan- India TV Paisa
Photo:FILE पर्सनल लोन

त्योहारी सीजन में अगर आप Personal Loan लोन लेने पर विचार कर रहे हैं तो लोन की अवधि का खासा ख्याल रखें। अगर आप लोन अवधि को अच्छे से मैनेज करना जान जाएंगे तो पर्सनल लोन में काफी बचत कर पाएंगे। आज हम आपको बात रहे हैं कि किस तरह लोन अवधि का चयन करें। इससे आपको क्या फायदे होंगे। अगर आप 10 से 12 महीने के लिए पर्सनल लोन लेंगे तो बैंक आपसे कम ब्याज चार्ज करेंगे। इस तरह के पर्सनल लोन को छोटी अवधि का लोन भी कह सकते हैं। वहीं, अगर आप 1 से 5 साल के लिए लोन देंगे तो इसे लंबी अवधि का पर्सनल लोन कहा जाएगा। हालांकि, बैंक इस पर आपसे ज्यादा ब्याज चार्ज करेंगे। 

छोटी अवधि का पर्सनल लोन

  • आमतौर पर 10 महीने से 12 महीने के बीच होती है।
  • इसकी ब्याज दरें कम होती हैं।
  • यह उन उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद है जो थोड़ी राशि उधार लेते हैं और तुरंत ऋण वापस करना चाहते हैं।
  • उच्च आय वाले व्यक्तियों इस तरह लोन का चयन कर बड़ी बचत कर सकते हैं। 

लंबी अवधि का पर्सनल लोन

  • आमतौर पर 1 से 5 साल के बीच होती है।
  • लंबी अवधि अधिक होने पर ब्याज दर अधिक होती है।
  • उन उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद है जो मासिक भुगतान कर सकते हैं और धीरे-धीरे भुगतान करना चाहते हैं।
  • कम ईएमआई राशि देना होता है। 

लोन अवधि चुनने में इन बातों का ख्याल रखें 

अपने पर्सनल लोन की अवधि चुनते समय, लोन के उद्देश्य पर विचार करें। उदाहरण के लिए, अगर आप छुट्टी मनाने जैसे अल्पकालिक लक्ष्य के लिए उधार ले रहे हैं, तो कम अवधि का लोन ज्यादा उपयुक्त हो सकता है। इसके विपरीत, घर के रेनोवेशन या उच्च शिक्षा प्राप्त करने जैसे दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए, लंबी अवधि फायदेमंद हो सकती है। लोन की अवधि चुनने में अपनी मासिक आय और व्यय का आकलन करें। कम अवधि के लोन के परिणामस्वरूप मासिक भुगतान अधिक होता है, जो आपके बजट को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकता है। पर्सनल लोन पर ब्याज दर लोन अवधि के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आम तौर पर, लंबी अवधि के लोन पर ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, जिसका मतलब है कि आपको लोन की अवधि के दौरान ज़्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।

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