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2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में आएगी 20-30 फीसदी गिरावट, फिच ने कहा घटेगी मकानों की कीमत

फिच ने कहा नोटबंदी के कारण 2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में 20-30 फीसदी गिरावट आएगी। इसका कारण नकदी की कमी के साथ उपभोक्ताओं द्वारा सर्तकता बरतना भी है।

Abhishek Shrivastava
Published : Jan 25, 2017 04:47 pm IST, Updated : Jan 25, 2017 04:51 pm IST
Note Ban Effect: 2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में आएगी 20-30 फीसदी गिरावट, फिच ने कहा घटेगी मकानों की कीमत- India TV Paisa
Note Ban Effect: 2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में आएगी 20-30 फीसदी गिरावट, फिच ने कहा घटेगी मकानों की कीमत

मुंबई। नोटबंदी के कारण साल 2017 के दौरान देश में प्रॉपर्टी की बिक्री में 20-30 फीसदी गिरावट आएगी। इसका कारण नकदी की कमी के साथ उपभोक्ताओं द्वारा सर्तकता बरतना भी है।

रेटिंग एजेंसी फि‍च रेटिंग्‍स ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि,

हमें उम्मीद है कि इस साल घर की कीमतें कम होगी, क्योंकि वित्त वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के बाद घरेलू संपत्तियों की मांग में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों की बिक्री में सबसे बुरी गिरावट 2017 की पहली छमाही में होने वाली है।
  • हालांकि दूसरी छमाही में त्योहारी अवधि के बीच मांग धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है।
  • इसके साथ ही बैंकों ने भी आवास ऋण के लिए आधार दर में पिछले 12 महीनों में 50-60 आधार अंकों की कटौती की है।
  • इससे आवास ऋण की दर पिछले कई सालों में सबसे कम हो गई है।
  • नाइट फ्रैंक रिसर्च द्वारा आंकड़ों से निकाले गए निष्कर्ष में कहा गया है कि नोटबंदी के कारण घर खरीदने वाले ग्राहकों के लिए अघोषित संपत्ति से घर खरीदना मुश्किल हो गया है।
  • 2016 की चौथी तिमाही में बेचे गए रिहाइशी इकाइयों में सालाना आधार पर 44 फीसदी की गिरावट आई है।
  • इसके कारण संपत्तियों की कुल बिक्री में 9 फीसदी की गिरावट आई है।
  • नए यूनिट को लांच करने में 61 फीसदी की गिरावट आई है।
  • फिच का अनुमान है कि एनसीआर में संपत्तियों की कीमत में सबसे ज्यादा कटौती होगी, जहां बिना बिके घरों की संख्या पिछले 16 तिमाहियों में सबसे अधिक हो गई है।
  • जबकि मुंबई में यह आंकड़ा पिछली 10 तिमाहियों से अधिक का है।
  • एनसीआर को देश की सबसे बड़ी नकदी आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में माना जाता है, इसलिए नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर भी यहीं हुआ है।
  • घरों की मांग में चेन्नई और पुणे में उतनी गिरावट नहीं आएगी जितनी एनसीआर में आई है।

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