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EPFO वेतन सीमा में संशोधन जल्द! प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मिल सकती है 10,050 रुपये तक की मंथली पेंशन- डिटेल्स

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत प्रोविडेंट फंड और पेंशन कॉन्ट्रिब्यूशन की कैलकुलेशन के लिए वेतन सीमा (Wage Ceiling) बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। सूत्रों ने कहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही श्रम मंत्रालय से मिले प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Aug 27, 2024 12:58 pm IST, Updated : Aug 27, 2024 01:03 pm IST
10,050 रुपये तक हो सकती है प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन- India TV Paisa
Photo:FREEPIK 10,050 रुपये तक हो सकती है प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन

सरकारी नौकरियों में एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के जरिए जरूरी पेंशन सुधार के बाद अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर आ सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत प्रोविडेंट फंड और पेंशन कॉन्ट्रिब्यूशन की कैलकुलेशन के लिए वेतन सीमा (Wage Ceiling) बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। सूत्रों ने कहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही श्रम मंत्रालय से मिले प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है। श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की सिफारिश की है। 

पेंशन और ईपीएफ योगदान पर पड़ेगा सीधा असर

सूत्रों के अनुसार, "प्रस्ताव (ईपीएफ अंशदान के लिए वेतन सीमा बढ़ाने का) अप्रैल में भेजा गया था और वित्त मंत्रालय जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगा।" ईपीएफओ द्वारा मैनेज किए जाने वाले कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में 1 सितंबर, 2014 से पेंशन की कैलकुलेशन के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये है। हालांकि, प्रस्तावित बढ़ोतरी प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बहुत जरूरी राहत और बेहतर लाभ दे सकती है। यदि वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो इसका प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन और ईपीएफ योगदान पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेंगे।

कैसी की जाती है EPS पेंशन की गणना

EPS पेंशन की गणना के लिए एक खास फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है। ये फॉर्मूला है- औसत सैलरी x पेंशनेबल सर्विस/ 70. बताते चलें कि यहां औसत सैलरी का मतलब कर्मचारी की 'बेसिक सैलरी'+'महंगाई भत्ता' होता है। इसके अलावा, अधिकतम पेंशनेबल सर्विस 35 साल होती है। फिलहाल, मौजूदा वेतन सीमा (पेंशन योग्य वेतन) 15,000 रुपये है। अब इन आंकड़ों के साथ गणना करें तो अभी ईपीएस पेंशन 15,000 x 35 / 70 = 7,500 रुपये प्रति महीना होता है।

इन-हैंड सैलरी हो जाएगी कम

अगर वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया जाता है तो कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन 21,000 x 35 / 70 = 10,050 रुपये प्रति महीना हो जाएगा। यानी नए नियमों के बाद कर्मचारियों को हर महीने 2550 रुपये एक्स्ट्रा पेंशन मिलेगी। हालांकि, यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि नए नियमों के बाद कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में थोड़ी कमी आ जाएगी क्योंकि अभी के मुकाबले नए नियम लागू होने के बाद कर्मचारी की सैलरी से EPF और EPS के लिए ज्यादा कटौती होगी।

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