रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च, डिजिटल प्लेटफॉर्म और एजुकेशन तक जबरदस्त पहुंच ने इस बदलाव को आकार देने में बहुत बड़ी और अहम भूमिका निभाई है।
ETF निवेशकों को छोटी रकम से शुरुआत करने की सुविधा देते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड में आमतौर पर ज़्यादा मिनिमम इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत होती है।
सोने की कीमतों में अभी हाल ही में 250-300 डॉलर की तेजी मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के मौजूदा बंद को लेकर चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश में बढ़ी खरीदारी के कारण आई है।
साल 2025 में रिटर्न देने के मामले में Silver ETF ने गोल्ड ईटीएफ को भी पीछे छोड़ दिया। सिल्वर ईटीएफ ने इस साल अभी तक औसतन लगभग 42.67% रिटर्न दिया है।
इस साल जुलाई में ओवरऑल ईटीएफ में गोल्ड ईटीएफ को छोड़कर कुल 4476 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो जून में सिर्फ 844 करोड़ रुपये था।
भारत में निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड काफी पॉपुलर है। पिछले कुछ सालों में SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले तेजी से बढ़े हैं। वहीं, अमेरिका में ईटीएफ निवेशकों के बीच पहली पसंद है। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों?
ETF और इंडेक्स फंड दोनों ही भारत में बेहतरीन निष्क्रिय निवेश माध्यम हैं। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि, कौन सा चुनना है, यह निवेश शैली, लिक्विडिटी और निवेश उद्देश्यों पर निर्भर करता है।
सेबी ने कहा, ''नए प्रोडक्ट का उद्देश्य अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं या संस्थाओं के प्रसार को कम करना है, जो अक्सर अवास्तविक उच्च रिटर्न का वादा करते हैं और बेहतर यील्ड के लिए निवेशकों की अपेक्षाओं का फायदा उठाते हैं। इनमें वित्तीय जोखिम की आशंका होती है।''
ईपीएफओ ने 2016-17 में ईटीएफ में 14,983 करोड़ रुपये, 2017-18 में 24,790 करोड़ रुपये, 2018-19 में 27,974 करोड़ रुपये, 2019-20 में 31,501 करोड़ रुपये और 2020-21 में 32,071 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
Mutual Funds: बाजार नियामक सेबी ने जून 2022 में म्यूचुअल फंड को सात अरब डॉलर की निर्धारित सीमा के भीतर विदेशी शेयरों में निवेश की दोबारा मंजूरी दी थी। अब फिर एक और तारीख तय की है।
इस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए केवल सरकारी कंपनियों के AAA-रेटेड बॉन्ड में निवेश किया जाता है।
वर्तमान में म्यूचुअल फंड इकाइयों को गोल्ड ईटीएफ पेश करने की ही अनुमति है। लेकिन नए प्रावधान आने के बाद सिल्वर ईटीएफ का रास्ता भी खुल गया है।
गोल्ड ईटीएफ में इस जुलाई को छोड़कर बाकी सभी महीने निवेशकों का निवेश बढ़ा है। ईटीएफ श्रेणी में अबतक शुद्ध रूप से 3,515 करोड़ रुपये का निवेश आया है
गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या अगस्त में 21.46 लाख तक पहुंच गई जो पिछले महीने में 19.13 लाख थी।
गोल्ड ईटीएफ श्रेणी में दिसंबर, 2020 से निवेश का प्रवाह लगातार बढ़ रहा था। इससे पहले जून में गोल्ड ईटीएफ में 360 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
वित्त वर्ष 2020-21 में ईपीएफओ को इक्विटी निवेश 31,025 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 32,377 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2018-19 में 27,743 करोड़ रुपये रहा।
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार हाल में समाप्त वित्त वर्ष में निवेशकों ने गोल्ड से जुड़े 14 ईटीएफ में शुद्ध रूप से 6,919 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह 2019-20 में हुए 1,614 करोड़ रुपये के निवेश का चार गुना है।
इससे पहले जनवरी में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध रूप से 625 करोड़ रुपये और दिसंबर में 431 करोड़ रुपये निवेश किया था। वहीं नवंबर में स्वर्ण ईटीएफ में 141 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
इससे पहले साल 2019 में स्वर्ण ईटीएफ में महज 16 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखने को मिला था। हालांकि, 2019 में लगातार छह साल की शुद्ध निकासी के बाद गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध खरीदारी देखने को मिली थी।
पेटीएम मनी का उद्देश्य अधिक भारतीयों को अपनी बचत को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने और उन्हें धन सृजन के अवसर प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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