ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में भी फरवरी में भारी गिरावट देखी गई, जो एक महीने पहले 4. 59 प्रतिशत से घटकर 3. 79 प्रतिशत हो गई।
अर्थशास्त्रीने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए विकास के दृष्टिकोण से वैश्विक बाजार कम प्रासंगिक हो गया है, और कहा कि वैश्विक घटनाएं विपरीत हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था उनके बीच लचीली हो सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरबीआई वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए कोई पूर्वानुमान जारी करेगा, हालांकि आमतौर पर इसे अप्रैल की नीति में प्रकाशित किया जाता है।
फेड रिजर्व ने कहा कि जॉब मार्केट मजबूत है। बेरोजगारी दर हाल के महीने में निचले स्तर पर स्थिर हो गई है। फिर भी पिछले महीने भर्ती में तेजी आई और बेरोजगारी दर थोड़ी कम होकर 4.1% पर आ गई।
आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं।
भारतीय बाजारों के लिए, सबसे अनुकूल अवधि जुलाई 1990 से फरवरी 1994 तक फेड की ब्याज दर में कटौती का चक्र था। इस दौरान निफ्टी में 310 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल देखी गई थी।
Rate Cut in US : पहले ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व मार्च से प्रमुख ब्याज दर में कटौती करना शुरू कर देगा। लेकिन अब ऐसे आसार नहीं लग रहे हैं। इकॉनोमी सुस्त नहीं हो रही है और महंगाई के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
Bajaj Finserv, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी, यस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी फेस्टिव सीजन में अपने होम लोन की दरों में कटौती कर चुके हैं।
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक ने भी घर के कर्ज को सस्ता किया है। कटौती के बाद शुरुआती दरें 6.45 प्रतिशत से 6.70 प्रतिशत तक हैं।
यूको बैंक ने होम लोन पर ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत घटा दी है। संशोधित दरें बुधवार से प्रभाव में आ गयी हैं। बैंक ने बयान में कहा कि संशोधित आवास ऋण पर ब्याज दर 6.90 प्रतिशत से शुरू होगी।
30 लाख रुपये से अधिक के आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। महिला आवेदकों को इस तरह के कर्ज पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह महिला आवेदकों को ब्याज कुल 0.15 प्रतिशत सस्ता पड़ेगा।
एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक के लिए महंगाई दर की लक्ष्य सीमा 2 से 6 फीसदी है।
एक साल से 2 साल से कम की अवधि की एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की है। ये कटौती 0.2 फीसदी की है। बाकी सभी मैच्योरिटी पीरियड के लिए दरों में बदलाव नही किया गया है।
रिजर्व बैंक के लिए फिलहाल मंहगाई पर नियंत्रण प्राथमिकता
एक साल की MCLR कटौती के बाद 7.45 फीसदी हुई
इस हफ्ते की शुरुआत में केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी एमसीएलआर में कटौती की थी।
स्टेट बैंक की एमसीएलआर दर में की गई यह लगातार 14वीं कटौती है। इस कटौती के बाद भी यह दर बाजार में सबसे कम है।
इससे पहले बैंक ने बुधवार को कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत कम की थी। यह कटौती हर अवधि की एमसीएलआर पर की गई है।
IOB की नई दरें 10 मई और BoM की नई दरें 7 मई से लागू होंगी
कटौती का लाभ एचडीएफसी के सभी मौजूदा रीटेल होम लोन ग्राहकों को मिलेगा
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