30 लाख रुपये से अधिक के आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। महिला आवेदकों को इस तरह के कर्ज पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह महिला आवेदकों को ब्याज कुल 0.15 प्रतिशत सस्ता पड़ेगा।
एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक के लिए महंगाई दर की लक्ष्य सीमा 2 से 6 फीसदी है।
एक साल से 2 साल से कम की अवधि की एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की है। ये कटौती 0.2 फीसदी की है। बाकी सभी मैच्योरिटी पीरियड के लिए दरों में बदलाव नही किया गया है।
रिजर्व बैंक के लिए फिलहाल मंहगाई पर नियंत्रण प्राथमिकता
एक साल की MCLR कटौती के बाद 7.45 फीसदी हुई
इस हफ्ते की शुरुआत में केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी एमसीएलआर में कटौती की थी।
स्टेट बैंक की एमसीएलआर दर में की गई यह लगातार 14वीं कटौती है। इस कटौती के बाद भी यह दर बाजार में सबसे कम है।
इससे पहले बैंक ने बुधवार को कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत कम की थी। यह कटौती हर अवधि की एमसीएलआर पर की गई है।
IOB की नई दरें 10 मई और BoM की नई दरें 7 मई से लागू होंगी
कटौती का लाभ एचडीएफसी के सभी मौजूदा रीटेल होम लोन ग्राहकों को मिलेगा
फिच के मुताबिक महंगाई दर का दबाव कम होने से रिजर्व बैंक के पास राहत की और गुंजाइश बनेगी
विलय होने वाले आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के ग्राहकों को भी फायदा
येस बैंक के पास पर्याप्त तरलता है यदि जरूरत हुई तो आरबीआई आवश्यकत तरलता उपलब्ध कराएगा।
आरबीआई ने सोमवार शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसमें नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा होने की पूरी संभावना है।
एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष में लगातार 10वीं बार एमसीएलआर में कटौती की है। एक दिन अवधि से लेकर एक महीने के लिए एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती कर इसे 7.45 प्रतिशत कर दिया गया है।
फेडरल रिजर्व ने पिछले साल के बाद पहली बार ब्याज दर में कटौती की है। पिछले साल उसने तीन बार ब्याज दरों में कटौती की थी।
अगले हफ्ते से प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से नीचे आने की उम्मीद है। वर्तमान में यहां प्याज का खुदरा भाव 150 रुपए प्रति किलो तक चल रहा है।
रिजर्व बैंक की आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंता को देखते हुए देश के प्रमुख बैंकरों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मार्च तक नीतिगत दर में 0.25 से लेकर 0.40 प्रतिशत तक और कटौती की जा सकती है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के दौरान 700 अंक के दायरे में उतार-चढ़ाव में रहा।
यूचुअल फंड हाउस मैनेजर्स का मानना है कि ये फंड जिस तरह से यील्ड टू मैच्योरिटी (वाईटीएम) और रेपो रेट के बीच फैले होते हैं, उससे रेपो रेट घटने के समय एक आकर्षक प्रवेश का अवसर पैदा होता है
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