Thursday, May 16, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने बदला पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का फैसला, चंडीगढ़-मोहाली रोड पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर नहीं होगी कार्रवाई

करीब एक साल पहले इस मामले में पंजाब के पुलिस महानिदेशक को भी तलब किया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि उम्मीद है कि पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन अपनी नींद से जागेंगे और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन से संबंधित विभिन्न फैसलों में दी गई शीर्ष अदालत की टिप्पणियों को ध्यान में रखेंगे।

Shakti Singh Edited By: Shakti Singh
Published on: May 04, 2024 21:28 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : ANI सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे अवरुद्ध चंडीगढ़-मोहाली मार्ग से प्रदर्शनकारियों के समूह को हटाएं। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर नोटिस जारी करके एक गैर सरकारी संगठन, केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य से जवाब मांगा। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह पंजाब सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं। 

मेहता ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार की बात को छोड़कर, संघवाद की हमेशा रक्षा की जाती है। कोविड के समय में, हर राज्य और केंद्र ने मिलकर काम किया।’’ पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई जाए। कई जनहित याचिकाओं पर नौ अप्रैल को पारित अपने आदेशों में, उच्च न्यायालय ने कहा था कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद, न तो पंजाब सरकार और न ही चंडीगढ़ प्रशासन, एसएएस नगर मोहाली और चंडीगढ़ के यात्रियों को कोई समाधान देने में सक्षम हुआ। इसमें कहा गया था, ‘‘मुट्ठी भर लोगों के सड़क अवरुद्ध करने से यात्रियों और ‘ट्राइ-सिटी’ के निवासियों को असुविधा हो रही है और परेशानी जारी है।’’ इसने इस बात का संज्ञान लिया था कि इस मामले में पिछले साल नौ अक्टूबर को केंद्र को भी पक्षकार बनाया गया था। 

सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी

गौर करने वाली बात यह भी है कि करीब एक साल पहले इस मामले में पंजाब के पुलिस महानिदेशक को भी तलब किया गया था। उच्च न्यायालय ने कार्यवाही स्थगित करते हुए आगे कहा था कि उसे उम्मीद है कि पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन अपनी नींद से जागेंगे और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन से संबंधित विभिन्न फैसलों में दी गई शीर्ष अदालत की टिप्पणियों को ध्यान में रखेंगे। उच्च न्यायालय ने एनजीओ ‘अराइव सेफ सोसाइटी’ की याचिका पर यह आदेश पारित किया था, जिसमें दलील दी गई थी कि जनवरी 2023 से चंडीगढ़-मोहाली रोड पर चल रहे विरोध/मोर्चा के कारण स्थानीय निवासियों और यात्रियों को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर शामिल हैं। 

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