Thursday, April 25, 2024
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राजस्‍थान: हाईकोर्ट ने दिया वसुंधरा को बड़ा झटका, पूर्व सीएम को नहीं मिलेंगे बंगले और आजीवन सुविधाएं

राजस्थान हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा निर्णय देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बड़ा झटका दिया है। हाइकोर्ट ने आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगले और अन्य सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 04, 2019 13:34 IST
Vasundhara raje- India TV Hindi
Vasundhara raje

राजस्‍थान हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा निर्णय देते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे को बड़ा झटका दिया है। हाइकोर्ट ने आज कहा कि पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को आजीवन बंगले और अन्‍य सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे को पूर्व मुख्‍यमंत्री के रूप में मिला बंगला खाली करना पड़ेगा। अदालत ने इसी के साथ ही वसुंधरा सराकार द्वारा 2017 में लाए गए राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 का भी अवैध घोषित कर दिया गया है। 

पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधा देने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं नहीं दी जा सकेंगी। मिलापचंद डांडिया व अन्य की याचिकाए को स्‍वीकार रखते हुए 9 मई को मुख्‍य न्‍यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाओं में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधा देने को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट पहले ही यूपी के मामले में इस तरह के विधेयक को ठहरा चुका है अवैध। वहीं कुछ दिन पहले उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला नहीं दिया जा सकता।  

ये मुख्‍यमंत्री ले रहे हैं सुविधाएं 

इस समय प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया इन आजीवन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इस आदेश के बाद अब पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के पास से आजीवन सुविधाएं और बंगले वापस ले लिए जाएंगे। जहां जक वसुंधराराजे का सवाल है तो उनसे भी पूर्व मुख्यमंत्री के नाते मिला आजीवन सरकारी बंगला छिनेगा। हालांकि बतौर विधायक सरकारी बंगले की सुविधा उनको प्राप्‍त होती रहेगी। अब यह गहलोत सरकार पर है कि उन्‍हें वह कौन सा आवास देती है। 

पूर्व सीएम को मिली हैं ये सुविधाएं 

पूर्व मुख्‍यमंत्री को मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो उन्‍हें 10 लोगों का लिपकीय स्‍टाफ, 3 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, चालक सहित सरकारी गाड़ी मिलती है। इस वाहन का इस्‍तेमाल वे राज्य व राज्य के बाहर कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी बंगले का इस्‍तेमाल पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा उनका परिवार भी कर सकता है।

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