Monday, May 13, 2024
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Rajasthan News: राजस्‍थान में बाढ़ ने मचाई तबाई, बचाव अभियान के लिए सेना की ली गई मदद

Rajasthan News: बूंदी के ज‍िलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी ने बताया कि लखेरी में निचले इलाकों में 4 जगहों पर करीब 300 लोग फंसे हुए हैं। जिले से होकर बहने वाली मेज नदी में बाढ़ आने से क्षेत्र जलमग्न हो गया है।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: August 24, 2022 13:14 IST
Army's help taken for rescue operation in Rajasthan- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Army's help taken for rescue operation in Rajasthan

Highlights

  • लखेरी में करीब 300 लोग फंसे
  • कोटा बैराज से 4.71 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया
  • NDRF और SDRF बचाव कार्य में जुटी

Rajasthan News: राजस्‍थान के बूंदी जिले में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। इस बीच, कोटा ज‍िले में कुछ लोग अब भी फंसे हुए हैं, जबकि झालावाड़ जिले में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन के लिए राहत की खबर यह है कि मौसम विभाग ने राज्‍य में भारी बारिश के दौर पर फिलहाल विराम लगने का उम्‍मीद जताई है। 

लखेरी में करीब 300 लोग फंसे

बूंदी के ज‍िलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी ने बताया कि लखेरी में निचले इलाकों में 4 जगहों पर करीब 300 लोग फंसे हुए हैं। जिले से होकर बहने वाली मेज नदी में बाढ़ आने से क्षेत्र जलमग्न हो गया है। मेज, चंबल नदी की एक सहायक नदी है और इसके जलग्रहण क्षेत्र पानी के प्रवाह के कारण जलमग्न हैं। उन्होंने कहा कि बचाव एवं राहत कार्य के लिए बुधवार को लखेरी में सेना के जवानों की मदद ली गई। वहीं, कोटा के जिलाधिकारी ओ.पी.बुनकर ने बताया कि जिले के 4-5 गांवों के कुछ लोग अब भी फंसे हुए हैं।

कोटा बैराज से 4.71 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

पिछले दो दिनों में जिले के कई इलाकों में पानी भर गया है और करीब 2,000 लोगों को प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कोटा बैराज से बुधवार को 4.71 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि, राज्‍य के झालावाड़ में स्थिति नियंत्रण में है। झालावाड़ की जिलाधिकारी भारती दीक्षित ने कहा, ‘‘बुधवार को सुबह चार बजे तक पानी कम होने के बाद ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों को लौट गए।’’ उन्‍होंने कहा कि अब नुकसान का आकलन किया जा रहा है और हालात को बेहतर बनाने पर जोर है। उन्होंने कहा कि कालीसिंध बांध के चार गेट से सुबह करीब 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया और निचले इलाकों में अब पानी कम हो गया है।

NDRF और SDRF बचाव में जुटी

लगातार भारी बारिश, नद‍ियों में जलस्तर बढ़ने और बांधों के गेट खोले जाने के कारण राज्‍य के कोटा संभाग के कई इलाके दो दिन पानी में डूबे रहे। बड़ी संख्‍या में लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया गया है। राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्‍य आपदा मोचन बल (SDRF) के साथ सेना के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। हालांकि, प्रशासन और लोगों के लिए राहत की खबर यह भी है कि मौसम विभाग ने राज्‍य में जारी भारी बारिश के दौर पर अभी विराम लगने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है। 

कई जिलों में हुई भारी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे तक 24 घंटे के दौरान सिरोही, उदयपुर, जालौर, बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हुई है। पश्चिमी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश भीनमाल, जालौर में 143 म‍िलीमीटर और देलदर, सिरोही में 120 म‍िलीमीटर दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव का एक क्षेत्र जैसलमेर के आसपास पहुंच गया है। इसके प्रभाव से बुधवार को भी जैसलमेर, बाड़मेर और आसपास के जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश का दौर जारी रहेगा। राज्य के शेष भाग में आज से ही बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। 

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