Thursday, May 02, 2024
Advertisement

रावण को युद्ध में हराने से पहले भगवान राम ने किसके कहने पर की थी सूर्य उपासना? इसके पीछे की जानें पूरी वजह

रावण से युद्ध के दौरान भगवान राम ने अपने कुल पुरुष सूर्य देव की स्तुति की थी। भगवान राम ने सूर्य देव की स्तुति करने के बाद ही रावण का संहार किया था। आइये जानते हैं आखिर ये स्तुति भगवान राम ने किसके कहने पर की थी।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: November 21, 2023 19:10 IST
Surya Upasna- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Surya Upasna

Surya Upasna: हिंदू धर्म में भगवान राम की महिमा हर किसी को पता है। त्रेतायुग बीत गया और कलयुग चल रहा है, फिर भी यही कहते हैं कलयुग केवल नाम अधारा जी हां, ये सत्य बात है कि कलयुग में केवल राम नाम की महिमा ही मुक्ति दिला सकती है और जीवन में चल रहे सभी कष्टों का अंत भी इसी नाम के चिंतन से होगा। यह बात रामचरितमान में विस्तार पूर्वक वर्णित है। बात करें रामायण काल की तो यह बात हम सब ही जानते हैं कि, भगवान राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध चला था।

युद्ध के मैदान में एक तरफ भगवान राम की सेना, तो दूसरी तरफ रावण की सेना खड़ी थी। जब भगवान राम और रावण के बीच युद्ध चला, तो भगवान राम ने रावण को कई बार युद्ध में हराने का प्रयास किया। लेकिन रावण भी काफी बलशाली था। उसे युद्ध में हराना इतना आसान नहीं था। तब भगवान राम ने सूर्य देव की एक बहुत गोपनीय स्तुति का पाठ किया था। आइए जानते हैं वो कौन सा पाठ है जिसे करने के बाद भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी।

भगवान राम को मिला था ये गोपनीय स्त्रोत

भगवान राम और रावण के बीच जब युद्ध चल रहा था। तो बलशाली रावण को कई प्रयासों के बाद भी भगवान राम हरा नहीं पा रहे थे। उस समय भगवान राम के पास अगस्त्य ऋषि आए और उन्होनें भगवान राम से कहा है प्रभु, आप के नियंत्रण में तो सारा जगत है भला ये रावण आपके सामने क्या चीज है। फिर भी में आपको स्मरण कराता हूं कि, आप रघुकुल नंदन सूर्यवंशी हैं। आप मेरे द्वारा रचित भगवान सूर्य देव का यह आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ गोपनीय रूप से तीन बार करें। इसके बाद यह आपको निश्चित ही विजय का वरदान मिलेगा और यह आपको युद्ध जीतने में साहयता प्रदान करेगा।

तीन बार किया था इस स्त्रोत का पाठ

भगवान राम ने अगस्त्य ऋषि के अनुसार दिए आदित्य ह्रदय स्त्रोत का तीन बार पाठ किया उसके बाद रावण का संहार किया। यह प्रसंग वाल्मीकि रामायण के युद्ध कांड में विस्तार पूर्वक वर्णित है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Chhath Puja 2023: छठ पूजा में अर्घ्य पहले दूध या पानी किससे देना चाहिए? जान लें इसका सही नियम

Chhath puja 2023: छठ में ढलते सूर्य की क्यों की जाती है पूजा? जानिए इसके पीछे की मान्यता

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement