
Mauni Amavasya 2025: माघ माह में आने वाली मौनी अमावस्या अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान-दान करने से कई गुना अधिक पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृतमय हो जाता है। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान (शाही स्नान) किया जाता है। इस पावन मौके पर स्नान के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु कुंभ में स्नान के लिए उमड़ते हैं। बता दें कि मौनी अमावस्या माघ माह के मध्य में आती है इसलिए इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन पूरे दिन मौन व्रत रखने का भी विधान है। तो आइए अब जानते हैं कि इस मंगलकारी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?
- मौनी अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान जरूर करें। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ मां गंगा की पूजा करें।
- मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत या उपवास रखें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
- मौनी अमावस्या के दिन शाम के समय तुलसी के पास घी का दीया जलाएं। व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- मौनी अमावस्या के दिन आपको अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान अवश्य करना चाहिए। धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी।
- मौनी अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
- मौनी अमावस्या के दिन 'ॐ पितृ देवतायै नम:' मंत्र का कम से 11 बार जाप करें। पितरों की कृपा प्राप्त होगी।
- इसे साथ ही मौनी अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को दाना डालें। पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी।
- मौनी अमावस्या के दिन सात्विक भोजन का सेवन करें।
मौनी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
- मौनी अमावस्या के दिन तामसिक चीजों से दूर रहें।
- मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
- मौनी अमावस्या के दिन किसी से वाद-विवाद न करें।
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए।
- मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
मौनी अमावस्या 2025
इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जनवरी 2025 को शाम 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। अमावस्या तिथि समाप्त 29 जनवरी 2025 को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी। मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का खास महत्व है। इसके अलावा अमावस्या के दिन पितरों का पिंडदान, तर्पण करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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