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मोहिनी एकादशी का पारण कब और कैसे करें? इसके बिना व्रत है अधूरा, अभी जान लें पूजन-विधि और मुहूर्त

मोहिनी एकादशी का पारण कब और किसी समय किया जाएगा, इसके बारे में विस्तार से जानें हमारे लेख में।

Written By: Naveen Khantwal
Published : May 19, 2024 12:01 IST, Updated : May 19, 2024 12:04 IST
Mohini Ekadashi - India TV Hindi
Image Source : FILE Mohini Ekadashi

मोहिनी एकादशी साल 2024 में 19 मई को है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था और समुद्र से निकले अमृत का देवताओं को पान करवाया था। मोहिनी एकादशी के दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं। व्रत रखने वाले भक्तों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि व्रत का पारण सही तरीके से हो। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि साल 2024 में मोहिनी एकादशी व्रत का पारण कब और कैसे करें। 

मोहिनी एकादशी व्रत 19 मई को भक्तों के द्वारा रखा जाएगा। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है। इसके साथ ही पवित्र नदियों में स्नान और दान का भी इस दिन बड़ा महत्व है। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा घी का दीपक जलाकर करनी चाहिए, इस दिन पूजा में विष्णु भगवान को पीले रंग के फूल, फल और वस्त्र भी अर्पित करने चाहिए। भगवान विष्णु के साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। 

मोहिनी एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त

जो भी लोग मोहिनी एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें व्रत का पारण द्वादशी तिथि को करना चाहिए। पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 18 मई को हुआ था और 19 मई को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक एकादशी तिथि है। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 19 मई को ही मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। वहीं द्वादशी तिथि 19 तारीख को ही 1 बजकर 51 मिनट से शुरू हो जाएगी और 20 मई दोपहर तक रहेगी। इसलिए 20 मई को ही एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। मोहिनी एकादशी के पारण के लिए 20 मई को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है।  

मोहिनी एकादशी पारण पूजा-विधि

द्वादशी तिथि के दिन मोहिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। इस दिन आपको स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। पूजा में आपको फल, फूल, नैवेद्य अर्पित करने चाहिए और पूरे विधि-विधान से पूजन समाप्त करना चाहिए। व्रत का पारण करने के लिए आप इस दिन जो भी भोजन बनाते हैं वो गाय के शुद्ध घी से बना होना चाहिए। इसके साथ ही आपको पारण के भोजन में चावल जरूर शामिल करने चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत का पारण आप आंवला खाकर भी कर सकते हैं। इससे आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत के पारण के लिए द्वादशी तिथि की सुबह को सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि अगर आप द्वादशी तिथि को व्रत का पारण नहीं करते तो इसे अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा करना आपके लिए अहितकारी हो सकता है। इसलिए द्वादशी तिथि को ही व्रत का पारण करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाएं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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