Tuesday, December 10, 2024
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Explainer: क्या हैं टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन, जिनके इस्तेमाल की आशंका ने मचाया दुनिया में हड़कंप?

क्या आपने कभी टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का नाम सुना है, आखिर ये क्या होते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में इनके इस्तेमाल की आशंका अचानक क्यों तेज हो गई है। अगर युद्ध में इनका इस्तेमाल हुआ तो कितनी बड़ी तबाही हो सकती है। परमाणु बमों से टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन किस तरह अलग हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 21, 2024 13:35 IST, Updated : Jul 21, 2024 13:35 IST
यूक्रेन बॉर्डर पर तैनाती के लिए जाते रूस के टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन।- India TV Hindi
Image Source : REUTERS यूक्रेन बॉर्डर पर तैनाती के लिए जाते रूस के टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन।

Explainer: रूस और यूक्रेन के बीच जारी महायुद्ध के बीच टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की आशंका ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। आखिर ये टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं क्या, ऐसे हथियार किन-किन देशों के पास हैं और यह परमाणु हथियारों से किस तरह से अलग हैं? ...किसी युद्ध में इनका इस्तेमाल हुआ तो उससे कितनी बड़ी तबाही हो सकती है, क्या इन्हें परमाणु हथियारों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है, टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन किस तरह से तबाही मचाने की क्षमता रखते हैं, रूस ने आखिर क्यों यूक्रेन के बॉर्डर पर दर्जनों टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन की तैनाती कर दी है? क्या रूसी राष्ट्रपति पुतिन वाकई इन हथियारों का इस्तेमाल रूस पर कर ही बैठेंगे?...इन सभी सवालों का जवाब आज आपको इस लेख में मिलेगा। 

तो सबसे पहले आप जान लीजिए कि टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन आखिर हैं क्या?...यूक्रेन से जंग के बीच रूसी सेना टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों के साथ युद्धाभ्यास पूरी कर चुकी है। इसके बाद इन हथियारों को यूक्रेन के बॉर्डर पर लगा दिया गया है। इससे सिर्फ यूक्रेन की ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया की धड़कन बढ़ गई है। पुतिन कब क्या कर बैठेंगे, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। वैसे भी अब यह युद्ध काफी लंबा खिंच चुका है। अब पुतिन इसे समाप्त करना चाहते हैं। दरअसल टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन को आप सामरिक परमाणु हथियार भी कह सकते हैं। यह परमाणु हथियारों से बिलकुल अलग होते हैं।

परमाणु हथियारों से भिन्न होते हैं टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन

टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन परमाणु हथियारों से बिलकुल अलग होते हैं। यह परमाणु हथियारों से छोटे भी होते हैं। इन हथियारों को युद्ध के मैदान में उपयोग करने के लिए तैयार किया जाता है। सामरिक परमाणु हथियारों में हवाई बम, कम दूरी की मिसाइलों के लिए हथियार और तोपखाने के हथियार भी शामिल होते हैं। इन्हें सैन्य वाहनों से भी दागा जा सकता है। टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन उन रणनीतिक हथियारों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं, जो पूरे शहर को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। ये बड़े पैमाने पर रेडियोधर्मी प्रभाव पैदा किए बिना दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। सबसे छोटे सामरिक परमाणु हथियार एक किलोटन या उससे कम हो सकते हैं। सबसे बड़े 100 किलोटन तक हो सकते हैं। हिरोशिमा में जो परमाणु बम गिराया गया था वह 15 किलोटन (15 हजार टन टीएनटी) की क्षमता का था।  

इन हथियारों के इस्तेमाल से की क्यों पड़ रही जरूरत

इन हथियारों को परमाणु हथियारों का आंशिक विकल्प कह सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ लक्षित ठिकानों पर ही तबाही मचाते हैं। यह रेडियोधर्मी पदार्थ ज्यादा उत्सर्जित नहीं करते। मगर ये दुश्मन के घर तबाही मचा सकते हैं। रूस ने इन हथियारों की तैनाती का कदम तब उठाया है जब कुछ दिन पहले ही पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर मॉस्को के खिलाफ बयानबाजी करने के साथ मदद का दायरा और भी बढ़ा दिया। ऐसे में रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह अभ्यास ‘‘रूस के संबंध में कुछ पश्चिमी देशों के अधिकारियों के भड़काऊ बयानों और धमकियों’’ के जवाब में है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में कहा था वह यूक्रेन में सेना भेजने के विचार से इनकार नहीं कर रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि कीव की सेना रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए ब्रिटेन के लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग कर सकेगी।

रूस कर चुका है सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण

दुनिया में सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने का रिकॉर्ड रूस के पास है। रूस ने 30 अक्टूबर 1949 को 50 टन वजनी परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। अब तक दुनिया के सभी देशों ने मिलकर करीब 2000 परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमें अकेले अमेरिकी ने 1000 से अधिक टेस्ट किए हैं। जबकि रूस करीब 725 परमाणु परीक्षण कर चुका है। अमेरिका ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 16 जुलाई 1945 को किया था, यह 20 टन वजनी था। 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराकर उन्हें तहस-नहस कर दिया था। 

रूस के पास सबसे ज्यादा हथियार 

परमाणु हथियारों की संख्या में रूस दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और चीन का नंबर आता है। रूस के पास 5889, अमेरिका के पास 5244, चीन के पास 500, फ्रांस के पास 290, यूके 225 न्यूक्लियर हथियार हैं। इसके अलावा भारत के पास 174 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। वहीं इजरायल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 30 परमाणु हथियार हैं। 

परमाणु हमला हुआ तो क्या होगा?

परमाणु हथियार कितने खतरनाक होते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर किसी भी देश ने परमाणु बम का इस्तेमाल किया तो सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। ना सिर्फ इंसान…जानवर, प्रकृति सबकुछ खत्म। दूसरे विश्व युद्ध के जख्म आज भी जापान नहीं भूला है। अब दुनिया के कई देशों के पास जापान में गिराए गए परमाणु बम से भी कई गुना शक्तिशाली बम हैं। अगर किसी ने इनका इस्तेमाल किया तो इसके बाद जो होगा उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। 

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