Monday, April 29, 2024
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Muharram 2023: आज से शुरू हो रहा है मुहर्रम का महीना, जानिए इसका इतिहास और महत्व

Muharram 2023: इस्लामिक कैंलेडर का पहला महीना महीना मुहर्रम आज से शुरू हो रहा है। मुसलमान इस महीने को मातम के तौर पर मनाते हैं। कहते हैं कि इसी दिन पैगबंर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी।

Ruchi Kumar Reported By: Ruchi Kumar
Published on: July 20, 2023 0:30 IST
Muharram 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Muharram 2023

Muharram 2023: मुहर्रम का महीना आज यानी 20 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा कहते हैं, जो कि 29 जुलाई 2023 को हैं। ये इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए प्रमुख दिन होता है। कहा जाता है कि मोहर्रम के महीने में ही हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। आपको बता दें कि आशूरा मातम का दिन होता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय काले कपड़े पहनकर मातम मनाते हैं। इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए लोगों की याद कर कुछ लोग तो जुलूस में मातम करते हुए खुद को जख़्मी भी कर लेते हैं। यौम-ए-आशूरा के दिन इमामबाड़े से ताजिए का जुलूस निकाला जाता है। ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक के रूप में होता है। 

मोहर्रम का इतिहास 

आज से 1400 साल पहले कर्बला की लड़ाई में मोहम्मद साहब के नवासे (बेटी का बेटा,नाती)हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे ,ये लड़ाई इराक के कर्बला में हुई थी। लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था। इसलिए मोहर्रम में सबीले लगाई जाती है,पानी पिलाया जाता है,भूखों को खाना खिलाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था, इसलिए मोहर्रम को इंसानियत का महीना माना जाताहै।। इमाम हुसैन की शहादत और कुर्बानी की याद में मोहर्रम मनाया जाता है। इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताज़िया और जुलूस निकाले जाते हैं।

मोहर्रम का महत्व

इस्लामिक कैंलेडर का पहला महीना मुहर्रम होता है। इसी दिन से इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है। लेकिन मुहर्रम के दिन ही इमाम हुसैन शहीद हुए थे इसलिए इस महीने में खुशियां नहीं मनाई जाती है। मुहर्रम के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग हर तरह के चमक-धमक से दूर रहते हैं और काले कपड़े पहनते हैं। इमाम हुसैन की शहादत के गम में शिया और कुछ इलाकों में सुन्नी मुस्लिम मातम मनाते हैं और जुलूस निकालते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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