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Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? यहां जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Nirjala Ekadashi 2025 Date: साल की सभी चौबीस एकादशियों में से निर्जला एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण एकादशी है। जो लोग पूरे साल एकादशी का व्रत नहीं रख पाते हैं वो निर्जला एकादशी का व्रत कर के शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।

Written By: Vineeta Mandal
Published : May 11, 2025 19:36 IST, Updated : May 11, 2025 19:36 IST
निर्जला एकादशी 2025
Image Source : INDIA TV निर्जला एकादशी 2025

Nirjala Ekadashi 2025: प्रत्येक माह में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस तरह पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखा जाता है। लेकिन जब मलमास या अधिकमास पड़ता है तब एकादशी की संख्या बढ़कर 24 से 26 हो जाती है। सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आने वाली निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को बिना अन्न और जल के किया जाता है।  निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि साल 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। 

निर्जला एकादशी व्रत 2025 डेट

पंचांग के अनुसार, इस साल निर्जला एकादशी का व्रत दो दिन रखा जाएगा। गृहस्थ जन निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को और वैष्णव जन 7 जून को व्रत रखेंगे। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है।

निर्जला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 6 जून शुक्रवार को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि का समापन 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगा। निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। वहीं निर्जला एकादशी का पारण 7 जून 2025 को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शाम 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

साल की सभी एकादशियों में से निर्जला एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण एकादशी है। निर्जला एकादशी का उपवास किसी भी प्रकार के भोजन और पानी के बिना किया जाता है। उपवास के कठोर नियमों के कारण सभी एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन होता है। इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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