Thursday, June 19, 2025
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क्या है मानसरोवर के पास स्थित राक्षस ताल का रहस्य, क्यों है इसके पास जाने की मनाही?

कैलाश मानसरोवर के पास ही राक्षस ताल स्थित है। यात्रा पर जाने वाले लोग मानसरोवर झील के पास जाते हैं वहां स्नान करते हैं, लेकिन मानसरोवर झील से ही कुछ दूरी पर स्थित राक्षस ताल में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि राक्षस ताल का क्या रहस्य है।

Written By: Naveen Khantwal
Published : May 11, 2025 12:25 IST, Updated : May 11, 2025 12:25 IST
Kailash Mansarovar
Image Source : META AI राक्षस ताल

हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान कहा जाता है। इसलिए धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से इस पर्वत का बड़ा महत्व है। हिंदू धर्म के साथ ही बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोग भी इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र मानते हैं। कैलाश पर्वत के पास ही मानसरोवर झील और राक्षस ताल भी स्थित हैं। जहां मानसरोवर झील दर्शन के साथ ही इस झील के पानी में श्रद्धालु स्नान भी करते हैं वहीं इसी झील से कुछ दूरी पर स्थित राक्षस ताल में जाने की मनाही है। ऐसे में आज हम आपको राक्षस ताल से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। 

राक्षस ताल

कैलाश पर्वत के पास स्थिति राक्षस ताल को 'शैतान की झील' के नाम से भी जाना जाता है। ये झील अर्धचंद्राकार है और बौद्ध धर्म के लोग इसे अंधेरे का प्रतीक मानते हैं। हिंदू धर्म में माना जाता है कि राक्षस ताल में स्नान करने के बाद इसी के निकट बैठकर रावण ने तपस्या की थी और इसलिए इसे राक्षस ताल कहा जाता है। इस झील को लेकर कई अन्य मान्यताएं भी हैं। 

राक्षस ताल से जुड़ी मान्यताएं 

जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि इस झील में डुबकी लगाकर रावण ने तपस्या की थी। माना जाता है कि रावण के स्नान करने की वजह से ही यह झील आसुरी शक्तियो से भर गई थी, इसे के कारण आज तक इस झील के पास जाकर नकारात्मक अनुभव होते हैं।  वहीं तिब्बत के लोग राक्षस ताल को लांगगर चो या ल्हानाग त्सो कहते हैं। तिब्बती लोगों और बौद्ध धर्म के अनुयायी मानते हैं कि राक्षस ताल का पानी शापित है। इसलिए तिब्बत में इसे जहर की काली झील भी कहा जाता है। तिब्बती लोग इसके आसपास जाने से भी परहेज करते हैं। वैज्ञानिक भी आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाए हैं कि राक्षस ताल का पानी इतना खारा और विषैला क्यों है। 

राक्षस ताल का पानी है विषैला 

राक्षस ताल में मछलियां नजर नहीं आती ना ही इसके आसपास वनस्पतियां हैं। जबकि समान परिस्थितियों में और समान ऊंचाई पर होने के बावजूद मानसरोवर झील मछलियों और वनस्पतियों से भरी हुई है। राक्षस ताल को लेकर कहा जाता है कि अगर इसमें किसी ने स्नान कर लिया तो उसे गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं यहां तक कि व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इस झील का पानी पीने की भी मनाही है। इन्हीं बातों को ध्यान रखते हुए चीन की सरकार ने राक्षस ताल के आस पास बाउंड्री बनाई हुई है। 

राक्षस ताल का संबंध किन चीजों से है?

हिंदू धर्म के साथ ही कई अन्य धर्मों में भी राक्षस ताल को अशुद्धता, नकारात्मकता, अंधकार का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही इस झील को रावण और चंद्रमा से जोड़कर भी देखा जाता है। यहां जाने वाले यात्रियों ने अपने अनुभवों में कहा है कि राक्षस ताल के पास जाकर उन्होंने नकारात्मकता का अनुभव किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस झील में असुरों का वास है। 

 

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