
आषाढ़ अमावस्या हिंदू धर्म की पवित्र तिथियों में से एक है। साल 2025 में यह तिथि 25 जून को है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ ही दान-पुण्य और पितरों के निमित्त तर्पण किया जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते इसलिए कुछ विशेष स्थानों पर इस दिन दीपक जलाने से बेहद शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी की कृपा भी आपको प्राप्त होती है और पितरों का आशीर्वाद भी आप पर बरसता है। ऐसे में अमावस्या के दिन किन स्थानों पर आपको दीपक जलाना चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं।
पहला स्थान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी अपने भक्तों के घर में प्रवेश करती हैं, इसलिए आपको इस दिन सूर्यास्त के बाद घर के मुख्यद्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं और आपके घर में बरकत आती है। माता के आशीर्वाद से आपका सोया भाग्य भी जाग उठता है।
दूसरा स्थान
आषाढ़ अमावस्या के दिन आपको पितरों को प्रसन्न करने के लिए घर की दक्षिण दिशा में भी दीपक अवश्य जलाना चाहिए। यह दिशा पितरों की मानी जाती है। यहां अगर आप चौमुखी दीपक जलाते हैं तो पितृ प्रसन्न होते हैं। यह आसान सा कार्य करने से आपको पितृदोष से भी मुक्त मिलती है। भाग्य आपका हमेशा साथ दे इसलिए पितरों के निमित्त इस दिन दक्षिण दिशा में दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही पितरों के निमित्त द्वार के पास सरसों के तेल का दीपक भी आप जला सकते हैं।
तीसरा स्थान
इस दिन देवी देवताओं और पितरों की तस्वीर के आगे भी धूप और दीपक अवश्य जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपका घर नकारात्मक शक्तियों से बचा रहता है। वहीं घर के लोगों को भी ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
चौथा स्थान
पीपल के वृक्ष को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार पितृ भी इस वृक्ष में निवास करते हैं और देवी-देवताओं को भी यह वृक्ष अतिप्रिय है। ऐसे में अमावस्या तिथि के दिन पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाने से आपको सुखद फल मिलते हैं। आपका भाग्य जागता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
पांचवा स्थान
अमावस्या तिथि के दिन तुलसी के वृक्ष के पास भी आपको दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आपको मिलता है। वहीं माता तुलसी भी आपके घर में सुख-समृद्धि बढ़ाती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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