Hajj 2024: इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए हज यात्रा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने धू अल-हिज्जा में इस यात्रा को किया जाता है। साल 2024 में हज यात्रा 14 जून की शाम में चांद दिखने के बाद शुरू हो जाएगी। अगर आप भी हज यात्रा पर जाने वाले हैं तो इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
हज यात्रा से जुड़े दिशानिर्देश
- सामान्य रूप से तो किसी भी विदेशी हज यात्री के पास एक वैध पासपोर्ट, हेल्थ सर्टिफेकेट होना चाहिए। साथ ही यात्रा के लिए उम्र 12 साल से ज्यादा होनी चाहिए। इसके अलावा जिन जरूरी बातों का ध्यान हज यात्रियों को रखना है आइए अब इसके बारे में जानते हैं।
- साल 2024 में हज यात्रा 14 जून से शुरू होगी और 19 जून तक चलेगी। हज और उमराह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार हज यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति के पास Nusuk ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लिया हुआ हज परमिट जरूर होना चाहिए। इसके बिना हज यात्रा पर जाना अवैध होगा।
- आपका रजिस्ट्रेशन Sehhaty ऐप पर भी होना चाहिए। इसके जरिये पता चल पाएगा कि हर तरह का टीकाकरण आपको हो चुका है। इस ऐप पर आपका रजिस्ट्रेशन न होना भी आपको हज यात्रा से रोक सकता है। बिना पोलियो के टीकाकरण के भी हज यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी।
- हज यात्रा पर जाने वाले विदेशियों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उन्हें Neisseria Meningitidis की वैक्सीन लगी हो।
कैसे करें आवेदन
- हज यात्रा के लिए आवेदन करने वालों को सबसे पहले hajcommittee.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसके बाद नये उपयोगकर्ता को नाम, पासवर्ड के साथ पंजीकरण की प्रक्रिया करनी होगी। इसके बाद एक ओटीपी आपके मोबाइल पर आएगा जिसके द्वारा आपका सत्यापन होगा और खाता चालू हो जाएगा।
- इसके बाद मोबाइल नंबर के साथ आप वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं।
- लॉग इन करने के बाद आपको दस्तावेजों के साथ हज आवदेन पत्र भरना है। इस बात का ध्यान रखें की सभी दस्तावेज असली हों। जितने दस्तावेजों की जरूरत होगी सभी आपको वेबसाइट पर अपलोड भी करने पड़ेंगे।
- अंत में शुल्क की प्रक्रिया होगी। आप क्रेडिट-डैबिट कार्ट और नेट बैंकिंग के जरिये शल्क चुका सकते हैं।
- इस तरह से आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।
हज यात्रा का खर्च लगभग 3 से 4 लाख के बीच आता है। हज यात्रियों से जुड़ी एक रोचक बात ये भी है कि सभी यात्रा करने वाले अपने साथ अपना कफन लेकर भी जाते हैं। अगर यात्रा के दौरान कोई दुर्घटना हुई और उनकी मृत्यु हो गई तो इसी कफन का इस्तेमाल शव को ढकने में किया जाता है। वहीं सकुशल आप घर आए तो मृत्यु के समय इस कफन का इस्तेमाल किया जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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