Monday, December 08, 2025
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Mahakumbh 2025: 'सत्य सनातन' कॉन्क्लेव में कृष्ण चंद्र शास्त्री, सनातन को लेकर कही महत्वपूर्ण बातें

Mahakumbh 2025: कृष्ण चंद्र शास्त्री ने महाकुंभ और सनातन को लेकर क्या कहा, जानें।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 08, 2025 06:58 pm IST, Updated : Jan 08, 2025 07:25 pm IST
Mahakumbh 2025- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV महाकुंभ

Mahakumbh 2025: जब से संसार है तब से सनातन है। वास्तव में देखा जाए तो धर्म केवल सनातन ही है। उन्होंने कहा कि भारत में और सनातन धर्म में पैदा हुए हर व्यक्ति भाग्यवान है। इसके साथ ही कृष्ण चंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत की धरती पर पैदा हुए सभी धर्म एक अर्थ में सनातनी ही हैं। सनातन में निर्गुण उपासना भी है और सगुण उपासना भी है। यही नीति जैन और बौद्ध धर्म में भी देखने को भी मिलती है। 

वैदिक हिंदू सनातन धर्म है पूरी तरह वैज्ञानिक 

कृष्ण चंद्र शास्त्री ने कहा कि वैदिक हिंदू सनातन धर्म सबसे वैज्ञानिक धर्म है। उन्होंने बताया कि भारत में ही सबसे पहले हवाई जहाज का निर्माण हुआ था और इसकी गवाही हमारे शास्त्र देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण को चुकाने के लिए या यूं कहें इनके प्रकति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए जनेऊ धारण किया जाता है। वो कहते हैं कि इसीलिए जनेऊ में तीन धागे होते हैं। वो उदाहरण देते हैं कि सूर्य देव हमें उर्जा देते हैं इसलिए उन्हें हमें हमेशा प्रणाम करना चाहिए। ऋषि हमें ज्ञान देते हैं और पितरों के चलते ही हमारा मानव जीवन संभव हुआ है। यानि जनेऊ धारण करने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण हैं। 

कर्म को बताया आवश्यक 

शास्त्री जी ने कहा कि हमें कर्म प्रधान होना चाहिए। भाग्य के सहारे हमें नहीं बैठना चाहिए। हमें ज्ञान अर्जित करना चाहिए और हमें लोक व्यवहार सीखना चाहिए यही ज्ञान हमारे ऋषियों ने हमें दिया है। ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें वेद पुराणों का पठन पाठन करना चाहिए। शास्त्री जी ने कहा कि वेद की रचना किसी मनुष्य ने नहीं लिखे बल्कि स्वयं ब्रह्मा की ये देन हैं। वेद के बाद जिस धार्मिक ग्रंथ को शास्त्री जी ने बेहद पवित्र बताया वो है रामायण। 

महाभारत को घर में रखना चाहिए या नहीं 

शास्त्री जी ने महाभारत को घर में रखने को लेकर कहा कि, जो लोग ये कहते हैं कि वो लोग मूर्ख हैं जो ऐसा कहते हैं। महाभारत की महिमा को बताते हुए उन्होंने कहा कि, ये बात शास्त्रों में लिखित है जो सारी चीजें जगत में हैं वो महाभारत में हैं और जो महाभारत में है वो पूरे जगत में है। 

माथे पर तिलक और तुलसी को लेकर कही ये बात 

माथे पर तिलक लगाने को शास्त्री जी ने बेहद आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के लोग तिलक लगाते हैं, यहां तक की वहां के जो लोग उच्च पदों पर हैं वो भी तिलक लगाना नहीं भूलते। तिलक लगाने को, तुलसी का पौधा घर में लगाने को भी शास्त्री जी वैज्ञानिक बताते हैं। वो कहते हैं कि, तलसी के पौधे में सैकड़ों गुण विद्यमान हैं। उन्होंने बताया कि, आयुर्वेद में लिखा है कि पांच पत्ते तुलसी के अगर हर रोज पेट में जाते हैं तो आपको कोई रोग नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि कैंसर जैसे रोग को भी तुलसी से दूर किया जा सकता है।

मंदिर क्यों जाना चाहिए 

मंदिर जाने को लेकर शास्त्री जी ने कहा कि नित्य परमात्मा की छवि देखने से रोजना मंदिर जाने से, उनकी प्रतिमा को निहारने से  भगवान के प्रति हमारीृ प्रीति बढ़ेगी और प्रीति बढ़ेगी तो प्रभु की  कृपा हमको प्राप्त होगी। मंदिर जाने से पूजा करने से भगवान के प्रति हमारा लगाव बढ़ता है। वो कहते हैं कि अगर परिवार के प्रति जो आपका प्रेम है उसका दशवां अंश भी अगर हम भगवान के प्रति रखते हैं तो हमें प्रभु कृपा मिल जाती है। 

 

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