भारतीय स्पिन गेंदबाज अमित मिश्रा ने भले ही लंबे समय से टीम इंडिया की ओर से कोई मैच नहीं खेला हो, लेकिन उन्होंने भारत की ओर से खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। IPL में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अमित मिश्रा ने भारत की ओर से आखिरी मैच 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ T20I के रुप में खेला था। हालांकि इसके बाद वह IPL में दिल्ली कैपिटल्स टीम की ओर से लगातार खेल रहे हैं। IPL में सबसे ज्यादा हैट्रिक लेने वाले अमित को टीम इंडिया में वापसी करने की उम्मीद है।
मिश्रा ने क्रिकेट डॉट कॉम से बातचीत में कहा, "बेशक! यही वजह है कि मैं अब भी खेल रहा हूं। मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो सिर्फ आईपीएल के लिए खेलता रहेगा। मेरी लड़ाई खुद से है। मुझे हमेशा टीम इंडिया से बुलावे के लिए तैयार रहना चाहिए। यही मेरा विश्वास है। हां, मुझे अब भी वापसी करने की उम्मीद है।"
अमिक मिश्रा को भारतीय टीम से बाहर हुए 3 साल से ज्यादा का समय हो चुका है और ऐसे में मिश्रा ने स्वीकार किया कि उन्हें इस मुश्किल समय में सकारात्मक बने रहने का एक तरीका मिल गया है।
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की स्पिन जोड़ी आम तौर पर सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम की पहली पसंद है। वहीं, टेस्ट में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का दबदबा कायम है। ऐसे में अमित मिश्रा के लिए भारतीय टीम में वापसी करना थोड़ा मुश्किल नजर आता है।
मिश्रा ने कहा, “मैंने हमेशा इस बात पर विचार करने की कोशिश की है कि अगर मैं डिमोटिवेट होता हूं तो इसका लाभ किसे मिलने वाला है? इसका फायदा मेरे प्रतियोगियों को ही मिलेगा। हर रिजेक्शन के बाद मैंने अपने स्किल पर और भी अधिक मेहनत करने की कोशिश की है।"
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा नकारात्मकता से दूर रहने की कोशिश की है, क्योंकि जीवन में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो आपको मुश्किल समय में प्रेरित करते हैं। सेल्फ मोटिवेशन बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी निराशा से घिर जाते हैं जब हम बहुत अधिक सफल नहीं होते हैं। यदि हम कठिन परिश्रम करने की कोशिश करते हैं, तो गलत विचार आमतौर पर चले जाते हैं।”
37 साल की उम्र में मिश्रा ने माना कि रिटायरमेंट का ख्याल उनके दिमाग के परे चला गया है, लेकिन उनका मानना है कि वह अभी भी भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। मिश्रा ने अपनी फिटनेस पर काम किया है और आगामी आईपीएल 2020 टीम इंडिया में वापसी का आखिरी मौका हो सकता है।
अमित ने रिटायरमेंट पर कहा, “उम्र आपके प्रदर्शन को आंकने की कसौटी नहीं होनी चाहिए। हमेशा यह देखना चाहिए कि खिलाड़ी फिट है या नहीं। मुझे लगता है कि युवराज सिंह या हरभजन सिंह या वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों से बात की जानी चाहिए थी जो वे अपने भविष्य के बारे में सोच रहे थे।
उन्होंने कहा, "आप उनकी क्षमता या जुनून पर संदेह नहीं करते हैं। वे कड़ी मेहनत भी करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर उनमें किसी चीज की कमी है, तो उन्हें बताया जाना चाहिए कि उनसे क्या अपेक्षित है। अगर सही तरीके से संवाद किया जाए तो खिलाड़ियों को बुरा नहीं लगेगा।”