प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है।
दिल्ली के लोगों को आने वाले दिनों में प्रदूषण और हवा की खराब क्वॉलिटी से राहत मिलती नहीं दिख रही है।
हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण देखने को मिलता है। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने और दीवाली पर पटाखे फोड़ने से पूरी दिल्ली धुंध की एक चादर में डूब जाती है।
दीपावली पर्व के नजदीक आने के साथ प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुये परिवहन विभाग अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
दिल्ली की वायु की गुणवत्ता का स्तर दो दिन तक ‘खराब’ स्तर पर रहने के बाद बुधवार को ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।
हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन योजना सोमवार को लागू की गई जिसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल होंगे।
रविवार को हवा की गुणवत्ता सूचकांक पर 181 के साथ सुधर कर मध्यम स्तर पर था लेकिन सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में यह आंकड़ा फिसलकर 235 पर पहुंच गया
दिल्ली में हवा के रुख में बदलाव के कारण वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी खराब बनी रही। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हवा अब पराली जलाए जाने वाले इलाकों की दिशा से बह रही है।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के ऊपर छायी धूल की धुंध के लिये राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी को मुख्य वजह बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गयी है।
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