पीके ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा, जो स्कूल नहीं गया, फेल हुआ और पिछली बेंच पर बैठा वही यहां का नेता है। वही बता रहा है कि यहां विकास हो रहा है। उसे विकास लिखने नहीं आता है कि इस शब्द को लिखने में बड़ी ई की मात्रा का प्रयोग होता है या छोटी इ का।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
डेलॉयट इंडिया का मानना है कि विकास दर को फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और देश में अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से सपोर्ट मिलेगा। भारत फिलहाल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी चीन की इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ गई है। पश्चिमी देशों से संबंध खराब होने का असर भी चीन की इकोनॉमी पर पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों में पहली बार 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई। वर्तमान में 92 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने अनुमानों में बदलाव किया है।
रिपोर्ट में अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी वृद्धि की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें ग्लोबल ग्रोथ रेट में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, ग्लेबाल इकोनॉमिक कंडीशन की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र की नरमी शामिल हैं।
भारत चीन प्लस वन स्ट्रैटेजी से फायदा उठा सकता है। इसकी वजह यह है कि कोई दूसरा देश ऑपरेशन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता जैसा यहां उपलब्ध है।
आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8 प्रतिशत रही है। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ऊंची वृद्धि दर है।
जून तिमाही में जीएसटी राजस्व 11 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। इसका मतलब है कि कर-जीडीपी अनुपात 1.3 से अधिक है।
भारत की GDP वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 13.1 फीसदी थी।
India's GDP: भारत की अर्थव्यवस्था इस समय काफी अच्छी स्थिति में है, महंगाई कंट्रोल में है लेकिन विकसित राष्ट्र बनने का सफर अभी भी काफी लंबा है।
India's GDP: भारत हर मोर्चे पर विकास कर रहा है। देश में कम हो रही महंगाई के चलते फिच रेटिंग्स ने भी इंडिया की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ा दी है।
RBI Governor India: भारत की तरक्की आने वाले समय में और तेजी से बढ़ने जा रही है। इसके पीछे का कारण भी अब पता चल गया है। आरबीआई गवर्नर ने इसको लेकर जानकारी दी है।
सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रह गया, जो 2021-22 में 6.7 प्रतिशत था। सरकार के खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में जुलाई, 2022 से लेकर मई, 2023 तक मुद्रास्फीति (Inflation) 29.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 11 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 प्रतिशत रखा गया था। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में उच्च वृद्धि के तौर पर सकारात्म
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है...
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है.
इस साल भी भारतीय अर्थव्यवस्था बुलेट की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भारत की जीडीपी के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी।
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