माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है।
जीएसटी परिषद ने अपनी 35वीं बैठक में जीएसटी के तहत भरे जाने वाले वार्षिक रिटर्न की अंतिम तारीख दो माह बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दी है।
इसके अलावा बैठक में 50 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली बिजनेस-टु-बिजनेस इकाइयों को बिक्री के लिए ई-इनवॉइस जारी करने को कहने पर भी विचार किया जाएगा।
आज (21 जून 2019) जीएसटी परिषद की बैठक में सरकार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दे सकती है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद 21 जून को होने वाली अपनी अगली बैठक में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ा सकती है।
केंद्र में गठित मोदी सरकार-2 के दूसरे कार्यकाल में जीएसटी परिषद की पहली बैठक 20 जून को आहुत की जाएगी।
कई उपभोक्ताओं ने एक मोबाइल एप-IRIS Peridot के जरिये शिकायत दर्ज कराई है कि छोटे रेस्टॉरेंट्स में उनसे जीएसटी वसूला जा रहा है लेकिन इस कर को सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया गया
जीएसटी परिषद ने 24 फरवरी की पिछली बैठक में किफायदी दर के निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर को घटा कर एक प्रतिशत कर दिया था।
जोसेफ ने कहा कि हमने 25 करोड़ रुपए बरामद किए हैं और शेष के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
जीएसटी परिषद ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है और इसमें इनपुट कर का लाभ खत्म करने का फैसला किया है।
आम चुनावों से पहले सरकार आम लोगों को एक और बड़ा तोहफा दे सकती है। जीएसटी काउंसिल की बैठक आज शुरू हो चुकी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं।
जेटली ने जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई बैठक के बाद कहा कि बैठक में रीयल एस्टेट पर बने मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर भी विचार किया गया।
यह दर 18 प्रतिशत या 28 प्रतिशत हो सकती है। जीएसटी परिषद की बुधवार को होने वाली 33वीं बैठक में इस पर फैसला किया जाएगा
एक अधिकारी ने कहा कि जीओएम राज्य प्रायोजित और राज्य अधिकृत लॉटरियों पर एक समान जीएसटी चाहता है। यह दर 18 प्रतिशत होगी या 28 प्रतिशत
मंत्री समूह ने अपनी पहली बैठक में किफायती घरों पर भी जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
अब सालाना 1.5 करोड़ रुपए टर्न ओवर वाली व्यापारिक इकाईयां जीएसटी के तहत कंपोजिशन स्कीम का लाभ ले सकती हैं।
हालांकि, इसमें शर्त रखी गई है कि उनका दावा आपूर्तिकर्ता द्वारा दाखिल रिटर्न से मेल खाना चाहिए।
जीएसटी काउंसिल की अगली और महत्वपूर्ण बैठक 10 जनवरी को होगी, जिसमें निर्माणाधीन फ्लैट्स और मकान पर जीएसटी की दर घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला हो सकता है।
सरकार ने जुलाई 2017 से सितंबर 2018 के लिए सारांश और अंतिम बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली जीएसटी पंजीकृत कंपनियों को विलंब शुल्क से छूट दी है।
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