प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के 3 साल पूरे हो चुके हैं और देश को मोदी की विदेश नीति में कई अहम बदलाव देखने को मिले। मई 2014 में मोदी के पहली बार सत्ता में आने के बाद पांच साल की छोटी अवधि में हमारी विदेश नीति में व्यापक बदलाव हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल का तीसरा बरस शुरू होने से पहले 1 मई 2016 को देश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की गई।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होते ही सबसे बड़ी चिंता भारतीयों को वहां से निकालने की थी। मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए एक मानवीय मिशन लॉन्च किया जिसको नाम दिया 'ऑपरेशन गंगा'।
PM Modi govt 8 years: पीएम मोदी एक ऐसे करिश्माई व्यक्ति हैं, जिनके नाम पर चुनाव लड़े और जीते जाते हैं। चुनाव को वे एक त्योहार की तरह मानते हैं। 2019 में आम चुनाव की घोषणा के बाद उन्होंने अपने ट्वीट में भी चुनाव को 'त्योहार'बताया था।
PM Modi govt 8 years: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 8 साल के कार्यकाल में कई अप्रत्याशित फैसले लेकर सभी को चौंकाया। फिर वो चाहे अचानक नवाज शरीफ की पोती की शादी में पाकिस्तान पहुंचना हो, या शरीफ की मां को शॉल भेंट करना, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले हों।
PM Modi govt 8 years: भारत के 14वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम और खास के बीच फर्क खत्म करने का एक बड़ा फैसला अप्रैल 2017 में लिया था। यह फैसला था देश से वीआईपी कल्चर को खत्म करना। मोदी कैबिनेट ने फैसला किया कि सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती नहीं लगाई जा सकेगी।
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) शुरू से ही विवादों में रहा है। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को 10 जनवरी 2020 को अमलीजामा पहनाया। इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी को भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
मोदी सरकार को सत्ता पर काबिज हुए 8 साल हो गए है और इन 8 सालों में काफी कुछ बदल गया है। भारत की GDP लगभग दोगुनी हो गई है, आम आदमी की कमाई भी लगभग दोगुनी हो गई है। इसके महंगाई भी बेतहाशा बढ़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद देश में बैंकिंग के क्षेत्र में सबसे बड़े रिफॉर्म के तहत जनधन खाता योजना को शुरू किया।
लेकिन 2014 के बाद दो बड़े मौके आए जब भारत के वीर सैनिकों ने पाकिस्तान को यह अहसास कराया कि ये नया हिंदुस्तान है, ये घर में घुसकर मारता है।
Modi@8: पीएम मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही अपने मूलमंत्र में विकास को प्राथमिकता दी । उन्होंने 8 साल के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे काम कराए, जो देश के विकास का प्रतीक चिह्न बन गए।
मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को आपस में विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया था। सरकार ने देश में विश्वस्तरीय बड़े बैंक बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बनाने का कदम उठाया है।
जब देश में कोविड-19 का पहला केस आया तो मानो जैसे एक अभूतपूर्व और अघोषित और अदृश्य युद्ध की घंटी बज चुकी थी। इस आपदा के दौरान देश के 'कमांडर-इन-चीफ' थे नरेंद्र मोदी। महामारी के दौर में पीएम मोदी के तेज और सटीक फैसले देश के लिए बेहद कारगर साबित हुए।
जिन विवादित मुद्दों को पिछली सरकारों ने छूने तक की हिम्मत नहीं दिखाई, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में जड़ से खत्म कर दिया। मोदी सरकार जिस बड़ा फैसले को लेकर सबको चौंका दिया इनमें सबसे अहम फैसला था जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना।
Imran Khan Praised India: इमरान ने 'अमेरिका के दबाव' के बावजूद रूस से रियायती तेल खरीदने के लिए भारत की फिर एक बार प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक स्वतंत्र विदेश नीति की मदद से इसे हासिल करने के लिए काम कर रही है।
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) में कटौती की घोषणा के बाद शनिवार को कहा कि सरकार को 'आंकड़ों की बाजीगरी' करने की बजाय पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के समय के स्तर पर लाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह राजद्रोह के दंडनीय कानून की संवैधानिक वैधता का अध्ययन करने में समय नहीं लगाए क्योंकि उसने (केंद्र ने) इस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है जो सक्षम मंच के समक्ष ही हो सकता है।
पीयूष गोयल ने कहा, 'पूरे विश्व में महंगाई है, अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति है, कोविड महामारी और अब रूस यूक्रेन संघर्ष का असर है। अलग-अलग देशों से हमलोग बातचीत कर रहे हैं कि कैसे नियंत्रण किया जाए।'
संसद का बजट सत्र गुरुवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और राज्यसभा में सत्र के अंतिम दिन भी विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा देखा गया।
लगभग एक साल तक चले किसान आंदोलन को समाप्त कराने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों से एमएसपी गारंटी कानून को लेकर कमेटी बनाने का वादा किया था।
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