Sunday, April 28, 2024
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पेपर लीक या एग्जाम में गड़बड़ी की तो 10 साल की सजा और 1 करोड़ का जुर्माना, मोदी सरकार ला रही सख्त कानून

मोदी सरकार ने लोकसभा में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 पेश कर दिया है। इसमें पेपर लीक मामलों और परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के प्रावधान हैं।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: February 05, 2024 13:40 IST
Public Examinations Bill- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 हुआ पेश

केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए एक बेहद सख्त कानून बनाया है। ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024’ सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इस विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। 

छात्रों पर नहीं लागू होगा ये कानून 

बता दें कि कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज सदन में इसे पेश किया। इससे पहले सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इस विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। 

दायरे में आएंगी सभी संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं 

यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी। इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, ‘‘इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।’’ 

कानून में हैं बेहद सख्त प्रावधान

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत कंपनी से ही वसूली जाएगी। सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और चार साल की अवधि के लिए परीक्षा आयोजित करने का कोई भी अनुबंध लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

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