Saturday, April 27, 2024
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सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या बोले, 'हर मस्जिद में मंदिर ढूंढना बीजेपी को महंगा पड़ेगा'

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि देश में आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने की जरुरत है। इसलिए 15 अगस्त 1947 में जो धार्मिक स्थल जैसा था, अब वैसा ही रहने दिया जाए। अब देश को एक और अयोध्या जैसा विवाद ना दिया जाए।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: July 30, 2023 15:56 IST
Samajwadi Party, Gyanvapi Masjid, Ram Mandir, Kedarnath, Badrinath, Swami Prasad Maurya- India TV Hindi
Image Source : FILE सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने के प्रेस कांफ्रेंस करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी साजिश के तहत इस देश की साम्प्रदायिक सद्भाव को तोड़ रही है। वह चाहती है कि देश में शांति कायम नहीं रहे। स्वामी ने कहा कि 15 अगस्त 1947 से पहले जिस धार्मिक स्थल की जो स्थित है वहीं रहने दी जाए। हर मस्जिद में मंदिर ढूढ़ने की परंपरा बीजेपी को महंगी पड़ेगी।

'हर मस्जिद में मंदिर ढूंढा जाएगा तो हर मंदिर में लोग अब बौद्ध मठ ढूढेंगे'

स्वामी प्रसाद ने कहा कि जब हर मस्जिद में मंदिर ढूंढा जाएगा तो हर मंदिर में लोग अब बौद्ध मठ ढूढेंगे। उन्होंने दावा किया कि शंकराचार्य ने बद्रीनाथ धाम को परिवर्तित करा कर हिन्दू मंदिर बनाया था। उत्तराखंड के सीएम ने भी इस पर अपना बयान दिया था। उनसे मैं कहना चाहूंगा कि आपकी आस्था-आस्था है बाकी लोगों की आस्था का क्या? भावना और आस्था की बात करने की जगह तार्किक बात करें।

'बद्रीनाथ और केदारनाथ को बौद्ध मठ से हिन्दू मंदिर बनाया गया'

सपा नेता ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि बद्रीनाथ की मूर्ति बुद्ध की मूर्ति है। बद्रीनाथ के उस समय के रावल ( पुजारी ) से राहुल सांकृत्यायन ने बात की थी, जिससे उन्हें पता चला था कि यह बुद्ध की मूर्ति थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सारनाथ और श्रावस्ती में भी बुद्ध की ऐसी ही मूर्ति थी। उन्होंने कहा कि एक दूसरे अंग्रेज़ लेखक ने भी लिखा है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ को बौद्ध मठ से हिन्दू मंदिर बनाया गया है। तिब्बत में भी बौद्ध धर्म वहीं से गया था।

'शंकराचार्य के अलावा कई अन्य राजाओं ने भी बौद्ध मठ को तोड़वाया'

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि शंकराचार्य के अलावा कई अन्य राजाओं ने भी बौद्ध मठ को तोड़वाया था। उन्होंने कहा कि मेरी मांग कोई नई नहीं है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि 15 अगस्त 1947 को सभी लोग डेड लाइन को माना जाए और देश में शांति बनी रहने दी जाए। अयोध्या के बाद अब देश मे नया विवाद न खड़ा करें। उन्होंने कहा कि मैं उनको सावधान करना चाहता हूं जो लोग हर मस्जिद में मंदिर खोज रहे हैं। मस्जिद में मंदिर खोजने वालों के पास कोई सबूत नहीं  हैं, लेकिन मंदिर में बौद्ध मठ खोजने वालों के पास सबूत हैं।

 

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