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आधी सदी का विवाद खत्म, मॉरीशस को 'चागोस' द्वीप लौटाएगा ब्रिटेन, क्यों हिंद महासागर में अहम है जगह?

ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच बड़ा समझौता हुआ है। ब्रिटेन चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को लौटाने को तैयार हो गया है। आइए जानते हैं कि इस पूरे विवाद की कहानी।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Oct 03, 2024 16:23 IST, Updated : Oct 03, 2024 17:07 IST
Chagos Islands Mauritius uk- India TV Hindi
Image Source : REUTERS मॉरीशस को मिलेगा 'चागोस' द्वीप।

ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच आखिरकार चागोस द्वीप समूह को लेकर समझौता हो गया है। जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन हिंद महासागर में स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपने पर सहमत हो गया है। आपको बता दें कि इस द्वीप को लेकर दोनों देशों के बीच बीते आधे सदी से ज्यादा समय से विवाद चल रहा था। भारत ने भी खुलकर इस मामले में मॉरीशस का साथ दिया था।

UK-US सैन्य अड्डा संचालित करते रहेंगे

ब्रिटेन ने कहा है कि समझौते के तहत वह चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता को मॉरीशस को सौंप देगा। इस समझौते के बाद दशकों पहले द्वीप से विस्थापित हुए लोगों को घर लौटने की मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, ब्रिटेन डिएगो गार्सिया पर स्थित यूके-अमेरिकी सैन्य अड्डे का इस्तेमाल करना जारी रखेगा। बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका के साथ मिलकर चागोस के डिएगो गार्सिया द्वीप पर सैन्य अड्डे का संचालन करता है जो कि हिंद महासागर में उसे रणनीतिक बढ़त दिलाता है।

क्या था पूरा विवाद?

दरअसल, 1960-70 के दशक में ब्रिटेन ने चागोस द्वीप समूह में रहने वाले लोगों को निष्कासित कर दिया था। इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में देखा जाता है। साल 1968 में जब मॉरीशस को आजादी मिली उसके बावजूद भी ब्रिटेन ने इस क्षेत्र पर कब्जा बरकरार रखा था। इस क्षेत्र पर साल 1814 से ब्रिटेन का नियंत्रण रहा है। ब्रिटेन ने मॉरीशस और सेशेल्स के लगभग 2,000 निवासियों यहां से हटा दिया था और अमेरिका को यहां सैन्य बेस बनाने के लिए आमंत्रित किया था। 2019 से 2021 के बीच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भी मॉरीशस के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने माना था कि ब्रिटेन ने 1968 में स्वतंत्रता देने से पहले चागोस द्वीपों को मॉरीशस से गैरकानूनी तरीके से अलग किया था।

क्यों अहम है चागोस द्वीप?

चागोस करीब 60 द्वीपों का एक समूह है जो कि हिंद महासाग के बीचोंबीच में स्थित है। ये 60 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह द्वीपसमूह मॉरीशस से लगभग 2,200 किलोमीटर और  भारतीय उप-महाद्वीप के दक्षिण से लगभग 1,000 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है। चागोस की भौगोलिक स्थिति किसी भी देश को हिंद महासागर में सामरिक रूप से काफी बढ़त देती है। माना जा रहा है कि इसी कारण ब्रिटेन-अमेरिका यहां सैन्य अड्डे को अब भी रखना चाहते हैं। 

ब्रिटेन ने क्या कहा?

इस समझौते को लेकर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने डिएगो गार्सिया पर महत्वपूर्ण सैन्य अड्डे को सुरक्षित करते हुए मॉरीशस के साथ समझौता किया है। इस समझौता को अमेरिका का भी समर्थन मिला है और इससे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा होगी। ये समझौता अवैध प्रवासन मार्ग को बंद करेगा और हिंद महासागर में खतरों को टालेगा।

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