अमेरिकी सरकार ने इंडो-पैसिफिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी 2018 की संवेदनशील रिपोर्ट को गुप्त सूची से हटा दिया है। चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्व में दस्तावेज को 'गुप्त' श्रेणी में रखा गया था और ये विदेशी नागरिकों के लिए नहीं थी।
चीन विश्व शांति के लिए बड़े खतरे के तौर पर उभर रहा है। उसकी नापाक मंशा को भांप ताकतवर देश गोलबंद हो गए हैं। इसी का नतीजा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में अभी 120 से ज्यादा युद्धपोत तैनात हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तल्ख सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारतीय नौसेना ने अपने निगरानी अभियानों में वृद्धि करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है।
लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने भारतीय उपमहादीप में अपनी परमाणु पनडुब्बी भेज दी है। हालांकि भारत हर मोर्च पर चीन का मुकाबला करने के लिए पहले से तैयार है, जानिए चीन की इस चाल का जवाब कैसे देगा भारत।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चीनी रक्षा मंत्रालय ने अपने सैन्य विकास पर ‘नये युग में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा’ शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया है। इसमें भारत, अमेरिका, रूस एवं अन्य देशों की तुलना में चीन के सैन्य विकास के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया है।
जिस मुल्क में करीब-करीब सौ परसेंट मुसलमान रहते हैं, उस देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजलिस शुरू होने जा रही है। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरों की शुरुआत इसी इस्लामिक मुल्क से करने जा रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपीन और जापान की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना के संयुक्त नौसेना अभ्यास में भाग लेने के कुछ ही दिनों बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। यह इस तरह का प्रथम अभ्यास है।
पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के प्रमुख वाइस एडमिरल करमवीर सिंह ने पारगमन के लिये मिशन आधारित तैनाती पर जोर देते हुए कहा कि एक मजबूत बल होने के नाते और हिंद महासागर में सुरक्षा प्रदाता की भूमिका के चलते नौसेना के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है।
चीन द्वारा हिन्द महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाए जाने के मद्देनजर स्वराज का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि नये सिल्क रूट के निर्माण के तहत राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल में हिन्द महासागर प्रमुखता से आता है।
चीन ने दक्षिणी पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह और अफ्रीका के जिबूती में एक नौसैन्य अड्डे का निर्माण कर हिन्द महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है...
अटलांटिक महासागर में तेज आंधी आने से दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में शक्तिशाली लहरें बन रही हैं।
भारतीय नौसेना ने वेलकम ट्वीट के बाद एक और ट्वीट करते हुए अपने युद्धपोत की तैनाती का नक्शा जारी करते हुए ट्वीट किया, 'फारस की खाड़ी से मलक्का स्ट्रेट और उत्तर में बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी हिंद महासागर तक और अफ्रीका के पूर्वी छोर तक हम 24 घंटे निगरानी में हैं। अपने क्षेत्र को हर समय, हर तरह से सुरक्षित रखने के लिए हम सक्षम हैं।'
भारत के रुख का समर्थन करते हुए अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने आज कहा कि पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक चीन की पहुंच से हिन्द महासागर में बीजिंग की रणनीतिक उपस्थिति बढ सकती है।
चीन के एक समाचार पोर्टल पर आज जानकारी दी गई कि मालदीव में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच चीन के पांच नौसेना पोत पूर्वी हिंद महासागर में गए।
चीन ने लक्ष्यों पर बारीक नजर रखने के साथ अपनी पनडुब्बियों की मदद के लिए पानी के भीतर एक नया निगरानी तंत्र विकसित किया है।
प्रशंसित पत्रकार एवं लेखक बर्टिल लिंटनर के अनुसार चीन के साथ अगला बड़ा संघर्ष हिमालय पर नहीं बल्कि हिंद महासागर को लेकर होगा।
समुद्र तट किनारे स्थित संचालन केंद्रों की मदद से यह सेटेलाइट ना केवल नौसेना की अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर नजर रखने में मदद कर रहा है बल्कि फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक उनकी संचार और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि करने में भी कारगर साबित हो
As tensions heighten, Chinese warships slink in Indian Ocean | 2017-07-04 12:40:01
सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में दखलअंदाजी करने के बाद अब चीन ने भारतीय समुद्री क्षेत्रों में अपनी पनडुब्बी तैनात कर दी है।
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