Tuesday, May 07, 2024
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चीन ने फिर भड़काई तिब्बत की चिंगारी, भारत में निर्वासित तिब्बती सरकार और दलाई लामा को लेकर बड़ा ऐलान

चीन ने लंबे समय बाद तिब्बत की चिंगारी को एक बार फिर से हवा दे दी है। चीन ने तिब्बत की स्वायत्तता की मांग को खारिज करते हुए भारत में निर्वासित तिब्बती सरकार और दलाई लामा को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। चीन ने कहा है कि उसे तिब्बत की स्वायत्तता कतई स्वीकार नहीं है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 26, 2024 21:31 IST
दलाईलामा (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP दलाईलामा (फाइल)

 बीजिंगः चीन ने फिर से तिब्बत की चिंगारी को भड़का दिया है। साथ ही तिब्बत की स्वायत्तता की मांग भी खारिज कर दी है। चीन ने  शुक्रवार को कहा कि वह केवल दलाई लामा के प्रतिनिधियों से बात करेगा, भारत में निर्वासित तिब्बती सरकार के अधिकारियों से नहीं। चीन ने इसके अलावा तिब्बत के सर्वोच्च बौद्ध आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की स्वायत्तता की लंबे समय से जारी मांग पर बातचीत से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन तिब्बत की निर्वासित सरकार और चीन की सरकार के बीच पिछले दरवाजे से वार्ता की खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि चीन धर्मशाला से संचालित तिब्बत की निर्वासित सरकार को ‘अलगाववादी’ गुट मानता है।

वांग ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘तथाकथित निर्वासित शिजांग सरकार पूरी तरह से अलगाववादी राजनीतिक गुट है। यह पूरी तरह से चीनी संविधान और कानूनों के खिलाफ है। यह अवैध है। किसी देश ने उसे मान्यता नहीं दी है।’’ तिब्बत की निर्वासित सरकार के राजनीतिक प्रमुख या ‘सिक्योंग’ पेनपा सेरिंग ने बृहस्पतिवार को भारत के धर्मशाला में कुछ पत्रकारों से कहा था, ‘‘हमने गत वर्ष से पिछले दरवाजों से बातचीत की है। लेकिन हमें इससे तत्काल कुछ प्राप्त होने की अपेक्षा नहीं है। यह लंबी चल सकती है।’’ केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) के प्रमुख ने बातचीत को ‘बहुत अनौपचारिक’ बताते हुए कहा, ‘‘मेरा अपना वार्ताकार है, जो बीजिंग में लोगों से बात करता है। और भी तत्व हैं जो हमसे संपर्क का प्रयास कर रहे हैं।’

चीन ने बताया क्यों दलाई लामा गुट से ही करनी है बात

’ वांग के अनुसार चीन की सरकार के दलाई लामा के समूह के साथ संपर्क के लिए दो बुनियादी सिद्धांत हैं। वांग ने कहा, ‘‘पहली बात तो हम तथाकथित निर्वासित सरकार या तथाकथित प्रशासनिक केंद्र के तथाकथित प्रतिनिधियों के बजाय केवल 14वें दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह कि वार्ता का विषय केवल व्यवस्थाओं से जुड़ा रहेगा, न कि तिब्बत की तथाकथित स्वायत्तता से, जो 88-वर्षीय दलाई लामा की मुख्य मांग है। वांग ने कहा, ‘‘उन्हें कुछ आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और शिजांग की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाली सभी गतिविधियों से दूरी बनानी चाहिए। उन्हें सही रास्ते पर लौटना चाहिए ताकि हम अगला कदम बढ़ा सकें। (भाषा) 

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