तिब्बत के माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में आए भयंकर बर्फीले तूफान में लगभग 1,000 पर्वतारोही फंस गए है। पर्वतारोहियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है।
तिब्बत में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप पृथ्वी की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से एक हैं। भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से तिब्बत बेहद संवेदनशील स्थानों में से एक है।
चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने एजेंडे के तहत तिब्बत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तिब्बत में बौद्धिक धर्म में बदलाव और उस पर नियंत्रण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाया।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहने वाले दलाई लामा का आज जन्मदिन है और वह 90 साल के हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दलाई लामा को क्यों तिब्बत छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी और चीन ने तिब्बत के लोगों पर क्या जुल्म किए?
दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले धर्मशाला में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह 30-40 साल और जीवित रहेंगे। उन्होंने अवलोकितेश्वर के आशीर्वाद, माओ से मुलाकात और उत्तराधिकारी से जुड़ी अफवाहों पर भी प्रतिक्रिया दी।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि दलाई लामा तिब्बत छोड़कर भारत कब और क्यों आए थे।
दलाई लामा 90 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने ऐलान कर दिया है कि दलाई लामा संस्था आगे भी जारी रहेगी।
दलाई लामा अब 90 साल के होने वाले हैं। इस बात को लेकर लगातार चर्चा होती है कि अलगे दलाई लामा कौन होंगे और उनका चुनाव कब होगा। अब दलाई लामा ने इस बारे में बयान जारी किया है।
तिब्बत के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा अपने शांति प्रिय संदेशों और आध्यात्मिक वजहों से दुनियाभर में जाने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दलाई लामा का असली नाम क्या है?
तिब्बती बौद्ध धर्म में मान्यता है कि दलाई लामा की आत्मा मृत्यु के बाद पुनर्जन्म लेती है। एक खोज दल उस बच्चे की तलाश करता है जिसमें वह आत्मा आई होती है। चलिए आपको इस पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हैं जो बेहद धार्मिक और रहस्यमयी है।
दलाई लामा 6 जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे। दलाई लामा के 90वें जन्मदिन से पहले ही समारोह शुरू हो गए हैं। इस बीच दलाई लामा ने प्रार्थना समारोह में संकेत दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद भी परंपरा जारी रहेगी।
तिब्बत में सुबह-सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई।
तिब्बत, बंगाल की खाड़ी और म्यांमार में भूकंप की वजह से धरती कांपी है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता भी दर्ज की गई है।
तिब्बत की धरती आधीरात को भूकंप के झटकों से डोल उठी। भूकंप इतना ताकतवर था कि लोगों को घर से बाहर भागना पड़ा।
तिब्बत में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है। लोग घर से निकलकर बाहर की तरफ भागे।
देश के स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर आए असम-तिब्बत भूकंप ने रिक्टर स्केल पर 8.7 की तीव्रता के साथ भारी तबाही मचाई थी। इस भूकंप की वजह सेआधिकारिक तौर पर लगभग 4800 मौतें हुईं, गांव नष्ट हुए और बाढ़ की स्थिति बन गई थी।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि इसके पहले भी यहां कई बार भूकंप आ चुके हैं। मंगलवार को आया भूकंप धरती से मात्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था। इस कारण ये काफी खतरनाक भी रहा।
तिब्बत में भूकंप के झटके लगे हैं। भूकंप महसूस होने पर लोग घरों से बाहर निकल गए। हालांकि भूकंप से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
तिब्बत में आए भूकंप की वजह से अब तक 126 लोगों की मौत हो गई है और 188 घायल हुए हैं। इस बीच भीषण ठंड के बीच राहत और बचाव का काम जारी है। बचावकर्मी जीवित बचे लोगों और पीड़ितों की तलाश में जुटे हैं।
तिब्बत में भूकंप ने कई लोगों को उनका घर छीन लिया। जीवित बचे लोगों के लिए ठंड से बचाव और सिर छिपाने की समस्या बढ़ गई है, और बचावकर्मी पीड़ितों की तलाश में जुटे हैं।
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