Monday, April 29, 2024
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बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम खालिदा जिया की जमानत याचिका खारिज की

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में गुरुवार को बीएनपी की प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद बीमार नेता की जेल से रिहाई में और विलंब हो गया है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: December 12, 2019 18:01 IST
Bangladesh SC rejects BNP chief Khaleda Zia's bail petition- India TV Hindi
Bangladesh SC rejects BNP chief Khaleda Zia's bail petition

ढाका: बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में गुरुवार को बीएनपी की प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद बीमार नेता की जेल से रिहाई में और विलंब हो गया है। बीडीन्यूज 24 के अनुसार प्रधान न्यायाधीश सैयद महमूद के नेतृत्व वाली छह सदस्यीय अपीली पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर 74 वर्षीय जिया की अपील को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने ‘जिया चैरिटेबल ट्रस्ट’ भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चैनल ने कहा कि अदालत ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे ‘बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल विश्वविद्यालय’ की सिफारिशों के अनुरूप जिया को अच्छा उपचार उपलब्ध कराने के लिए त्वरित कदम उठाएं। 

देश की तीन बार प्रधानमंत्री रहीं जिया पिछले साल फरवरी से 200 साल पुरानी एक जेल में बंद हैं। वह भ्रष्टाचार के दो मामलों में 17 साल कैद की सजा काट रही हैं। पिछले महीनों में उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया। जिया के वकीलों के अनुसार यदि पूर्व प्रधानमंत्री को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट मामले में जमानत मिल जाती तो जेल से उनकी रिहाई सुनिश्चित हो जाती क्योंकि अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। उनके वकील खोंदकर महबूब ने फैसले के बाद कहा, ‘‘हमने उनकी जमानत के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है। सात साल की सजा से संबंधित मामले में किसी अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किया जाना एक अभूतपूर्व मामला है।’’ 

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल महबूबे आलम ने न्यायालय को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई जिया की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में सूचित किया। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘बीएनपी अध्यक्ष 30 साल से गठिया और 20 साल से मधुमेह से पीड़ित हैं। 1997 से उनके बाएं घुटने में दर्द है।’’ अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, उन्हें दमा और शारीरिक कमजोरी है। वह अस्पताल में डॉक्टरों से उपचार कराने से मना कर रही हैं।’’ अदालत का फैसला जिया के लिए झटका है जो रिहाई की उम्मीद कर रही थीं। 

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