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इमाम हुसैन की याद में निकली "अरबाईन" यात्रा, नजफ से कर्बला तक 90 KM तक पैदल चलते हैं लोग

पैगम्बर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की याद में "अरबाईन" यात्रा निकाली जाती है। 10 मुहर्रम के बाद 40वें दिन दुनियाभर से करोड़ों लोग इस पैदल यात्रा में शामिल होकर कर्बला पहुंचते हैं और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं।

Reported By : Shoaib Raza Edited By : Malaika Imam Published : Aug 21, 2024 18:30 IST, Updated : Aug 21, 2024 18:32 IST
अरबाईन यात्रा- India TV Hindi
अरबाईन यात्रा

दुनिया भर के मुस्लिमों के बीच "अरबाईन" तीर्थयात्रा खास अहमियत रखती है। कुछ साल पहले तक आईएसआईएस के आतंक से सहमे इराक में इन दिनों दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक पैदल यात्राओं में से एक "अरबाईन" के लिए यात्रा हो रही है। "अरबाईन" एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब चालीस है। इसे चेहल्लुम कहा जाता है। चेहल्लुम कर्बला के शहीदों की शहादत के 40वें दिन मनाया जाता है।

क्यों निकाली जाती है ये धार्मिक यात्रा?

इस्लाम के इतिहास में दर्ज सबसे मशहूर जंग-ए-कर्बला में शहीद हुए पैगम्बर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की याद में ये पैदल यात्रा निकाली जाती है। इमाम हुसैन कर्बला की जंग में इस्लामी कैलेंडर के लिहाज से 10 मुहर्रम को शहीद हुए थे और 10 मुहर्रम के बाद 40वें दिन दुनियाभर से करोड़ों लोग इस पैदल यात्रा में शामिल होकर कर्बला पहुंचते हैं और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं। इसी को "अरबाईन" कहते हैं। इस यात्रा में शिया मुसलमानों का सबसे बड़ा मजमा होता है। "अरबाईन" के किए इराक के शहर नजफ से ये पैदल यात्रा शुरू होती है और करीब 90 किलोमीटर दूर कर्बला शहर में उस जगह तक पहुंचती है, जहां इमाम हुसैन का रोज़ा मुराबक (मज़ार) मौजूद है। 

दो करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद

एक अनुमान के मुताबिक, इस यात्रा में गुजरते वर्षों के साथ जायरीनों की तादाद बढ़ती जा रही है। इराक सरकार के मुताबिक, इस साल 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के इस पैदल धार्मिक यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है। इस यात्रा में दुनियाभर से जायरीन आते हैं। इनमें ईरान, लेबनान, सीरिया, पाकिस्तान, भारत, कुवैत, कतर, अफ्रीका और यूरोप से भी बड़ी तादाद में लोग हिस्सा लेने पहुंचते हैं। इराक के तपते सेहरा और जिस्म को झुलसा देने वाली गर्मी के बीच भी लोगों का पैदल चलने का जज़्बा देखते ही बनता है।

अरबाईन में शामिल हुए दुनिया भर के मुसलमान

Image Source : INDIATV
अरबाईन में शामिल हुए दुनिया भर के मुसलमान

यात्रा के दौरान इराक में बड़े आयोजन होते हैं

नजफ से कर्बला तक के 90 किलोमीटर पैदल यात्रा को लेकर पिछले कई सालों में इराक में बड़े आयोजन होते हैं। यहां अलग-अलग देशों से आए लोग पैदल चलने वाले जायरीन के लिए मोकिब (शिविर) लगाते हैं। इनमें खाने-पीने से लेकर सोने तक के सभी इंतजाम होते हैं। भारत के भी कई शहरों से लोग इस आयोजन में शामिल होते हैं और मोकिब (शिविर) लगाकर पैदल यात्रियों की सेवा करते हैं। इराक के शासक सद्दाम हुसैन के जमाने में ये पैदल धार्मिक यात्रा सार्वजनिक तौर पर नहीं निकल पाती थी। हालांकि, सद्दाम हुसैन की हुकूमत खत्म होने के बाद 2004 से लगातार ये यात्रा निकल रही है। बाद में आईएस ने भी इस यात्रा को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। 

अरबाईन यात्रा

Image Source : INDIATV
अरबाईन यात्रा

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