Wednesday, April 24, 2024
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China Pakistan: भारत के खिलाफ फिर बड़ी प्लानिंग कर रहे चीन और पाकिस्तान? CPEC के अलावा ये 3 नए प्रोजेक्ट करेंगे शुरू

China Pakistan: चीन और पाकिस्तान तीन नई परियोजनाओं चीन-पाकिस्तान हरित गलियारा (सीपीजीसी), चीन-पाकिस्तान स्वास्थ्य गलियारा (सीपीएचसी) और चीन-पाकिस्तान डिजिटल गलियारा (सीपीडीसी) पर काम शुरू करेंगे।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: October 23, 2022 13:33 IST
Pakistan PM Shehbaz Sharif-Chinese President Xi Jinping- India TV Hindi
Image Source : AP Pakistan PM Shehbaz Sharif-Chinese President Xi Jinping

Highlights

  • चीन पाकिस्तान में बढ़ रही करीबी
  • तीन परियोजनाओं पर शुरू करेंगे काम
  • संयुक्त रूप से करेंगे शुरू

China Pakistan: पाकिस्तान और चीन ने अरबों डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के अलावा तीन नई गलियारा परियोजनाओं को संयुक्त रूप से शुरू करने का निर्णय लिया है। मीडिया में शनिवार को आई खबर के मुताबिक, दोनों देश कृषि, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। न्यू इंटरनेशनल अखबार की खबर के मुताबिक, बीजिंग में ‘चीन इकोनॉमिक नेट’ (सीईएन) को संबोधित करते हुए चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइनुल हक ने कहा कि तीन नई परियोजनाओं में चीन-पाकिस्तान हरित गलियारा (सीपीजीसी), चीन-पाकिस्तान स्वास्थ्य गलियारा (सीपीएचसी) और चीन-पाकिस्तान डिजिटल गलियारा (सीपीडीसी) शामिल हैं।

इसके मुताबिक, पहली परियोजना के तहत कृषि पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा और हरित विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और दूसरी परियोजना के जरिए पाकिस्तान को चिकित्सा क्षेत्र में दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी जबकि तीसरी परियोजना के बल पर पाकिस्तान के आईटी उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। खबर में पाकिस्तान के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि परियोजनाओं की औपचारिक शुरुआत अगले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चीन यात्रा के दौरान हो सकती है, जिन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आमंत्रित किया है।

भारत के खिलाफ प्लानिंग तो नहीं?

चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके से होकर गुजरता है। जिसपर भारत पहले भी आपत्ति दर्ज करा चुका है। हालांकि हमेशा दूसरों की जमीन पर गंदी निगाहें डालने वाले चीन ने भारत की चिंताओं को नजरअंदाज किया है। अब इन नए प्रोजेक्ट के शुरू होने से इस बात का खतरा बढ़ गया है कि चीन इनके जरिए पाकिस्तान के साथ वो जानकारी भी साझा कर सकता है, जिसका इस्तेमाल पड़ोसी मुल्क अपने खराब मंसूबों को पूरा करने के लिए कर सकता है। जैसे चीन-पाकिस्तान डिजिटल गलियारा (सीपीडीसी) का इस्तेमाल डाटा की अदला बदली के लिए किया जा सकता है। जिसका बाद में गलत काम में इस्तेमाल होने की आशंका है।  

चीन को शहबाज ज्यादा पसंद

जब पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार सत्ता से हटी, तो उसके बाद चीन एक बयान जारी किया था। चीन के सरकारी मीडिया ने कहा था कि नई सरकार में चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध ‘खान के शासन काल से बेहतर’ हो सकते हैं। सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक लेख में कहा था कि ‘चीनी और पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना ​​है कि ठोस चीन-पाकिस्तान संबंध पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों को सुरक्षित रखने और विकसित करने के लिए पाकिस्तान में सभी दलों और सभी समूहों की संयुक्त सहमति है।’ 

लेख में कहा गया था, ‘खान का संभावित उत्तराधिकारी शरीफ परिवार से है जो लंबे समय से चीन-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ावा दे रहा है और दोनों देशों के बीच सहयोग खान की तुलना में भी बेहतर हो सकता हैं।’ साथ ही कहा गया कि पारंपरिक राजनीतिक दलों के तहत दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बेहतर थे। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का काम बेहतर ढंग से आगे बढ़ा। चीन को खान के बारे में आपत्ति थी क्योंकि जब वह विपक्ष में थे तो वह परियोजना के आलोचक थे, हालांकि बाद में 2018 में पद संभालने के बाद वह इसके बड़े प्रशंसक बन गए। 

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