Monday, May 20, 2024
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चीन को झटका, सुलझ सकता है भारत और बांग्लादेश के बीच यह बड़ा मुद्दा

भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मसला सुलझ सकता है। भारत ने बांग्लादेश को ऑफर किया है कि वह तीस्ता नदी पर एक जलाशय के निर्माण में उसका सहयोग कर सकता है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: May 09, 2024 19:27 IST
 India and Bangladesh Relation - India TV Hindi
Image Source : FILE India and Bangladesh Relation

ढाका: बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में सीमा पार तीस्ता नदी पर एक जलाशय के निर्माण में सहयोग देने की पेशकश की है। बांग्लादेश के दौरे पर आए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और हसन से मुलाकात की, जिसके बाद बांग्लादेशी मंत्री ने यह जानकारी दी। 

विस्तार से नहीं दी गई जानकारी 

क्वात्रा बुधवार शाम ढाका पहुंचे थे। महमूद ने क्वात्रा से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप जानते हैं कि हमने तीस्ता से जुड़ी एक बड़ी परियोजना शुरू की है। भारत उसका वित्त-पोषण करना चाहता है। हमने कहा कि परियोजना हमारी जरूरतों के अनुरूप होनी चाहिए, इसे हमारी जरूरतों को पूरा करना होगा।’’ बहरहाल, मंत्री ने भारत के प्रस्ताव के बारे में विस्तार से नहीं बताया। 

लगी हैं चीन की निगाहें 

बांग्लादेश ने कुछ महीने पहले कहा था कि वह भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करने वाली तीस्ता पर जलाशय बनाने के चीनी प्रस्ताव से जुड़ी ‘‘भू-राजनीति’’ पर गौर करेगा। क्वात्रा ने दिन में पहले प्रधानमंत्री हसीना से भी मुलाकात की थी, लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। तीस्ता जल का बंटवारा भारत और बांग्लादेश के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है। इसी कारण बांग्लादेश ने जलाशय के निर्माण की पहल की है। खास बात यह है कि चीन ने इस परियोजना का समर्थन करने की तुरंत इच्छा जताई है। 

अन्य मुद्दों पर हुई बात 

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि क्वात्रा के साथ उनकी बातचीत के दौरान सीमा पर हत्याओं का मुद्दा भी उठा। मंत्री ने कहा कि क्वात्रा के साथ वीजा प्रणाली को आसान बनाने पर भी बातचीत की गई, क्योंकि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी इलाज के लिए भारत जाते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने उन्हें इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए अधिक प्रयास करने का आश्वासन दिया है। हसन ने कहा कि उन्होंने भारत के जरिए नेपाल और भूटान से बिजली आयात करने के लिए नई दिल्ली के सहयोग पर भी बातचीत की। 

सिलीगुड़ी गलियारे पर भी हुई चर्चा 

ऐसा बताया जा रहा है कि भारत ने रणनीतिक रूप से अहम अपने सिलीगुड़ी गलियारे के पास प्रमुख परियोजना में चीन की भागीदारी पर बांग्लादेश को अपनी आपत्तियों से अवगत करा दिया है। सिलीगुड़ी गलियारे को ‘चिकन्स नेक’ भी कहा जाता है। यह एक संकीर्ण भूभाग है, जो भारत की मुख्य भूमि को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है। (भाषा) 

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