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इजरायल में नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ीं! तेज हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन, नए चुनाव और बंधकों की रिहाई की मांग

इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। राजधानी तेलअवीव की सड़कों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Jun 23, 2024 8:04 IST, Updated : Jun 23, 2024 9:04 IST
Israel, Protest- India TV Hindi
Image Source : REUTERS इजरायल में सरकार विरोधी प्रदर्शन

तेल अवीव : इजरायल के कई हिस्सों में शनिवार रात को हज़ारों लोगों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन किए। ये लोग गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को रिहाई और देश में नए चुनाव की मांग कर रहे हैं। द टाइम्स ऑफ़ इज़रायल की रिपोर्ट के मुताबिक तेल अवीव के कपलान स्ट्रीट पर, इज़रायल के प्रसिद्ध लेखक डेविड ग्रॉसमैन ने लोगों से सड़कों पर उतरने और देश के लिए लड़ने की अपील की। शिन बेट के पूर्व प्रमुख, युवल डिस्किन ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को "राज्य के इतिहास में सबसे खराब और सबसे असफल प्रधानमंत्री" कहा।  डिस्किन ने जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की। बता दें कि कि डिस्किन ने 2005 से 2011 तक शिन बेट खुफिया एजेंसी के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। लोगों ने सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के मुख्यालय बेत जाबोटिंस्की के बाहर किंग जॉर्ज स्ट्रीट पर विरोध प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाथों में जल्द चुनाव की मांग का बैनर ले रखा था जबकि कुछ के हाथों में जो बैनर थे उनपर गाजा में लड़ाई को खत्म करने की मांग से जुड़े नारे लिखे थे। 

पुलिस के साथ धक्कामुक्की

मुख्य रैली समाप्त होने के बाद भी कई प्रदर्शनकारी डटे रहे और सड़क पर आवागमन को बाधित कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने टायर भी जलाए। द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के मुताबिक घुड़सवार पुलिस कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर किया और तीन प्रदर्शनकारियों को  गिरफ्तार किया।इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों में लेबर विधायक गिलाद करिव भी शामिल थे, जिन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि घुड़सवार पुलिस फुटपाथों से हट जाए और चेतावनी दी कि उनकी तैनाती अवैध है। 

नेतन्याहू के आवास के बाहर प्रदर्शन

इस बीच, हजारों लोगों ने इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के अज़्ज़ा स्ट्रीट स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसे 7 अक्टूबर के बाद से सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिवार के सदस्यों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने किंग जॉर्ज स्ट्रीट पर मार्च किया और तत्काल समझौते और जल्दी चुनाव की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू की सरकार पर इज़रायल के संकटग्रस्त उत्तरी समुदायों को छोड़ने का आरोप लगाया, जिनके लगभग 60,000 निवासी हिज़्बुल्लाह की गोलीबारी के कारण आठ महीने से अधिक समय से विस्थापित हैं। 

शर्तों के साथ बंधकों की रिहाई 

बंधकों और लापता परिवारों के फोरम ने देश भर में रैलियां कीं, जिनमें नवंबर में हमास द्वारा कैद से रिहा किए गए बंधकों के संबोधन भी शामिल थे। ऐसा माना जाता है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा बंधक बनाए गए 116 लोग गाजा में ही हैं, उनमें से सभी जीवित नहीं हैं। हमास ने बार-बार कहा है कि वह बंधकों को तभी रिहा करेगा जब इजरायल स्थायी तौर पर युद्ध को खत्म कर देता है। हमास की इस मांग को इजरायल ने खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को  हमास के आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे। 

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