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न पानी.. न दवा.. अब क्या करेगा पाकिस्तान? भारत के एक्शन से डरा पड़ोसी दुश्मन मुल्क

भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार रुकने से दवा की ज़रूरतों को सुरक्षित करने के लिए तत्काल उपाय किए गए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश की दवा सप्लाई की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी प्लान को एक्टिव किया है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Apr 27, 2025 12:09 IST, Updated : Apr 27, 2025 12:09 IST
India, Pakistan
Image Source : INDIA TV भारत और पाकिस्तान

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के संबंध बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। दोनों देशो के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता रोक दिया गया है। इससे पड़ोसी मुल्क को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। भारत के इस फैसले से पूरे पाकिस्तान में हलचल मची हुई है। पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हो जाएगा। वहीं पाकिस्तान को दवाओं के भी घोर संकट का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान का फॉमास्यूटिकल इंडस्ट्री दवा के 30 से 40 प्रतिशत रॉ मैटेरियल के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर है, जिसमें सक्रिय दवा सामग्री (API) और विभिन्न एडवांस मेडिकल प्रोडक्ट शामिल हैं। 

इमरजेंसी प्लान में जुटा पाकिस्तान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के बाद पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवा आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए इमरजेंसी प्लान शुरू कर दिया है। जियो न्यूज़ के अनुसार, भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार रुकने से दवा की ज़रूरतों को सुरक्षित करने के लिए तत्काल उपाय किए गए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश की दवा सप्लाई की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी प्लान को एक्टिव किया है। 

भारत की ओर से आपूर्ति बाधित होने के साथ, पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी अब चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही है ताकि एंटी-रेबीज वैक्सीन, एंटी-स्नेक वेनम, कैंसर थेरेपी, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और अन्य महत्वपूर्ण जैविक उत्पादों जैसी आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्धता बनाए रखी जा सके। 

पाकिस्तान में दवाओं की हो सकती कमी

पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) ने पुष्टि की कि हालांकि दवा क्षेत्र पर प्रतिबंध के प्रभाव के बारे में कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन तैयारियां पहले से ही चल रही हैं। DRAP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "2019 के संकट के बाद, हमने ऐसे इमरजेंसी हालात के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। अब हम अपनी दवा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं।"  स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो कमी आ सकती है।

कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भरता

स्वास्थ्य सेवा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया "पाकिस्तान अपने दवा कच्चे माल का लगभग 30%-40% भारत से आयात करता है। हम भारत से तैयार उत्पाद, खास तौर से कैंसर रोधी उपचार, जैविक उत्पाद, टीके और सीरम, विशेष रूप से एंटी-रेबीज वैक्सीन और एंटी-स्नेक वेनम भी आयात करते हैं।" स्वास्थ्य मंत्रालय को अभी तक दवा आयात की स्थिति को स्पष्ट करने वाला कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिला है, जबकि सरकार का व्यापक व्यापार निलंबन प्रभावी है। पाकिस्तान को डर है कि लंबे समय तक अगर इसमें बाधा आई तो जीवन रक्षक दवाओं की गंभीर कमी हो सकती है।

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम में हमला

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया और 26 लोगों की हत्या कर दी। करीब 17 लोग इस हमले में घायल हो गए। 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद यह सबसे घातक हमला था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। कुछ पीड़ितों को "कलमा" पढ़ने के लिए कहा गया, और जो नहीं पढ़ सके, उन्हें गोली मार दी गई। 

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