Tuesday, April 30, 2024
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के सपनों पर फिरा पानी, जानें क्या है कहानी

सत्र अदालत ने पीटीआई प्रमुख पर अगले पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी थी, जिससे वे आगामी चुनाव नहीं लड़ सकते। इमरान ने निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को समय से पूर्व नौ अगस्त को भंग कर दिया था।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 30, 2023 15:50 IST
इमरान खान, पूर्व पीएम पाकिस्तान- India TV Hindi
Image Source : AP इमरान खान, पूर्व पीएम पाकिस्तान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कानून टीम ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने की अपील न करके बड़ी गलती की, जिसके चलते उच्च न्यायालय के उनकी तीन साल की कैद की सजा पर रोक लगाने के बावजूद वह जेल में हैं। देश के एक शीर्ष वकील ने बुधवार को यह बात कही। वहीं, कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष इमरान अटक जेल में बंद हैं और आगामी आम चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी दोषसिद्धि और अयोग्यता बरकरार है।

अधिवक्ता फैजल सिद्दिकी ने कहा, ‘‘इमरान की कानून टीम ने सत्र अदालत के पांच अगस्त के फैसले को रद्द करने की अपील न करके बड़ी गलती की। उसने केवल पूर्व प्रधानमंत्री की सजा पर रोक लगाने और उन्हें जमानत पर रिहा करने की अपील की।’’ ‘‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’’ अखबार ने सिद्दिकी के हवाले से लिखा, ‘‘अगर सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया होता, तो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर व्यापक चर्चा की होती। इसके अलावा, अगर सत्र अदालत का फैसला रद्द कर दिया गया होता, तो इमरान आगामी चुनाव लड़ सकते थे।’’ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की पीठ ने बुधवार को इमरान की सजा पर रोक लगाते हुए पंजाब प्रांत की अटक जेल से उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।

तोशाखान मामले में मिली है जेल

उच्च न्यायालय के संक्षिप्त आदेश पर टिप्पणी करते हुए अधिवक्ता हाफिज अहसान अहमद ने कहा कि फैसला असामान्य या अभूतपूर्व नहीं है, क्योंकि सजा पर रोक की पूरी संभावना थी। उन्होंने समझाया, “सजा पर रोक का फैसला कभी भी मामले के गुण-दोष के आधार पर नहीं होता है। रोक का एक आधार उच्च न्यायालय में मुख्य अपील को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने में देरी, जबकि दूसरा आधार सजा का पांच साल से कम होना हो सकता है। इस मामले में, सजा तीन साल की थी।” ‘‘जियो न्यूज’’ ने अहमद के हवासे से कहा कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान की दोषसिद्धि और अयोग्यता बरकरार रहेगी। इस्लामाबाद की सत्र अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इमरान को पांच अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। इमरान को वर्ष 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद पर कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई थी।  (भाषा)

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