Thursday, May 09, 2024
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सबसे दोस्ती रखना चाहता है पाकिस्तान, किसी से दुश्मनी नहीं, जानें भारत को लेकर क्या बोले कार्यवाहक पाक विदेश मंत्री?

कंगाल पाकिस्तान के विदेश मंत्री जिलानी ने कहा है कि पाकिस्तान किसी से दुश्मनी नहीं रखना चा​हता है। उनका कहना है कि इस बात पर राष्ट्रीय सहमति है कि पाकिस्तान को निश्चित रूप से चीन से करीबी मित्रता बनाए रखने के साथ अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध रखने चाहिए।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: August 18, 2023 14:02 IST
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Image Source : TWITTER सबसे दोस्ती रखना चाहता है पाकिस्तान, किसी से दुश्मनी नहीं, जानें भारत को लेकर क्या बोले कार्यवाहक पाक विदेश मंत्री?

Pakistan News: पाकिस्तान फाकाकशी की नौबत आ गई, तिजोरी खाली हो गई तो उसे सब 'अपने' लगने लगे हैं। कंगाल पाकिस्तान में इस समय कोई हुकूमत ताकतवर नहीं है। केवल कार्यवाहक सरकार ही पाकिस्तान को 'धका' रही है। इसी बीच पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान सभी से दोस्ती का इच्छुक है, किसी से दुश्मनी नहीं चाहता। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा पठानकोट वायुसेना अड्डे पर 2016 में आतंकवादी हमले करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। 

पाकिस्तान के नवनियुक्त कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा है कि वह अमेरिका और चीन सहित सभी प्रमुख शक्तियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाएंगे, भारत के साथ संबंध बेहतर करेंगे और खाड़ी क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाएंगे। गुरुवार को कार्यवाहक विदेश मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद 68 वर्षीय वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि वह राष्ट्रीय सहमति के जरिए विदेश नीति का पालन करते रहेंगे। जिलानी विदेश सचिव और अमेरिका के लिए पाकिस्तान के दूत के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।

चीन और अमेरिका दोनों से दोस्ती की जरूरत: कार्यवाहक विदेश मंत्री

उन्होंने कहा कि इस बात पर राष्ट्रीय सहमति है कि पाकिस्तान को निश्चित रूप से चीन से करीबी मित्रता बनाए रखने के साथ अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध रखने चाहिए। उन्होंने ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार को कहा, ‘हम स्पष्ट हैं कि पाकिस्तान किसी गुटीय राजनीति का हिस्सा नहीं बनेगा।’ अमेरिका-चीन की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच पाकिस्तान सावधानी से कदम बढ़ा रहा है और कई बार उसे कठिन विकल्प चुनना पड़ा है। पाकिस्तान दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति के लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ, जिसे अपने सदाबहार सहयोगी चीन को नाराज न करने के स्पष्ट प्रयास के रूप में देखा गया। 

'अमेरिका से करीबी रिश्ते पर जोर देता है पाक'

वहीं, पाकिस्तान अमेरिका के साथ करीबी रिश्ते पर भी जोर देता है। माना जाता है कि अमेरिका ने, पाकिस्तान के संभावित चूककर्ता होने से बचने में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने में अहम भूमिका निभाई थी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ को बधाई दी और पाकिस्तान की आर्थिक समृद्धि के लिए मिलकर काम करने में दोनों देशों के साझा हितों को रेखांकित किया। 

विदेश मंत्री जिलानी को मिलेंगी कई चुनौतियां

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखते हुए कि इस साल चुनाव नहीं हो सकते हैं, जिलानी को कई गंभीर विदेश नीति चुनौतियों से निपटना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलानी का मानना है कि पाकिस्तान हमेशा से अपने पूर्वी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ बेहतर संबंध दोनों पक्षों द्वारा जम्मू-कश्मीर के मुख्य मुद्दे सहित लंबे समय से जारी मुद्दों को सुलझाने पर निर्भर करते हैं। 

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