Sunday, April 28, 2024
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रावण के देश में भी मना ‘रामलला‘ प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव, गूंजे राम भजन, सज गए मंदिर

दुनियाभर में जहां 22 जनवरी को राम उत्सव की धूम रही। वहीं रावण के देश श्रीलंका में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। राम भजन गाए गए। मंदिर सजाए गए।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 23, 2024 16:11 IST
श्रीलंका में भी मना राम उत्सव- India TV Hindi
Image Source : FILE श्रीलंका में भी मना राम उत्सव

Ram Mandir Ceremony in Sri Lanka: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। रामधुन के बीच ‘रामलला‘ की विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस महोत्सव का उल्लास पूरी दुनिया में दिखाई दिया। रावण के देश श्रीलंका भी में भी राम उत्सव का उत्साह छाया रहा। हिंदू बहुल उत्तरी श्रीलंका में भी कई मंदिरों में अयोध्या में आयोजित ‘राम लला‘ की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया गया। 

भारत में आयोजित आधिकारिक समारोह के साथ साथ उत्तरी श्रीलंका में भी कई अनुष्ठान किए गए। प्रतिष्ठित नल्लूर कोविल मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सोमवार को अनुष्ठान किए गए। इस कार्यक्रम में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भी शामिल हुए। उत्तरी प्रांत के जाफना जिले में स्थित नल्लूर कंडास्वामी कोविल या नल्लूर मुरुगन कोविल सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। 

मंदिरों में उमड़ी रामभक्तों की भीड़

मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। जहां भक्तों ने सुबह के समय मूर्तियों की साफ सफाई की। वहीं बाद में मंदिरों में प्रार्थनाएं की गई और राम भजन गाए गए। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक श्रीलंका की 2.10 करोड़ की आबादी में साढ़े 12 फीसदी से ज्यादा हिंदू आबादी है। वहीं जाफना की आबादी साढ़े छह लाख है। इसमें से 80 फीसदी से ज्यादा हिंदू हैं। 

नेपाल में भी राम उत्सव की धूम

हिंदू देश नेपाल में भी राम उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। नेपाल प्रभु श्रीराम का ससुराल भी है। नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स‘ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हए लिखा ‘जय श्रीराम‘ भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्री राम मंदिर का उद्घाटन एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह का संपन्न होना सनातन धर्म के सभी अनुयायियों के लिए गौरव का पल है।‘ मर्यादा पुरूषोत्तम राम और नेपाल की बेटी माता सीता साहस, त्याग और धार्मिकता के प्रतीक थे। दोनों देश ‘भारत और नेपाल‘ के बीच गहन सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव का प्रतीक है। उनके गुण और आदर्श हमें मानवता की सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करते रहें।

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