Sri lanka President Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को कहा कि सभी राजनीतिक दल अपने मतभेदों को भुला दें और जनहित को ध्यान में रखें। गौरतलब है कि देश इस समय सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और सरकार से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। राजपक्षे ने अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर जनता को दिए संदेश में मतभेद भुलाने और जनहित को ध्यान में रखने की बात कही।
बौद्ध संस्था ने क्यों दी नेताओं के बहिष्कार की चेतावनी
इससे एक दिन पहले श्रीलंका की शक्तिशाली बौद्ध धार्मिक संस्था ने चेतावनी दी थी कि अगर गोटबाया के बड़े भाई एवं देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश के राजनीतिक और आर्थिक संकट को सुलझाने के लिए अंतरिम सरकार बनाने के वास्ते इस्तीफा नहीं दिया तो लोग सभी नेताओं का बहिष्कार करेंगे।
गोटाबाया ने ट्वीट किया, ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मैं एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आने का आमंत्रण देता हूं। आइये राजनीतिक मतभेदों को भूलकर जनहित के लिए संघर्ष में हाथ मिलाएं।’
इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने यह कहते हुए इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है कि संसद में उनको बहुमत प्राप्त है। हालांकि, राष्ट्रपति ने उनसे इस्तीफा देने की निजी तौर पर अपील की है। खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर राष्ट्रपति को सूचित किया है कि वह पद ऐसे समय नहीं छोड़ेंगे, जब वह आर्थिक संकट को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति उन्हें हटाना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं।