Friday, April 19, 2024
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'आतंकियों से नहीं होती है बातचीत', शहबाज सरकार ने इमरान खान का ऑफर ठुकराया

इमरान खान ने बैकफुट पर आते हुए पाकिस्तान की सत्तासीन शहबाज सरकार से बातचीत का प्रस्ताव रखा। जिसे अब पाकिस्तान सरकार ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि 'आतंकियों' से बातचीत नहीं की जा सकती, बल्कि राजनेताओं से होती है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: May 28, 2023 19:53 IST
'आतंकियों से नहीं होती है बातचीत', शहबाज सरकार ने इमरान खान का ऑफर ठुकराया- India TV Hindi
Image Source : FILE 'आतंकियों से नहीं होती है बातचीत', शहबाज सरकार ने इमरान खान का ऑफर ठुकराया

Pakistan News: पाकिस्तान में उथल पुथल का दौर जारी है। इमरान खान ने शहबाज सरकार से खुलेतौर पर राजनीतिक जंग का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 8 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी। इमरान समर्थकों ने काफी तोड़फोड़ मचाई थी। भ्रष्टाचार के मामले में इमरान को जमानत तो मिल गई, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उन पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। उनकी पार्टी को तोड़ दिया। पीटीआई के कई नेताओं को जेल में डाल दिया गया। इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के विदेश जाने पर पाबंदी भी लग गई। इस बीच इमरान खान ने बैकफुट पर आते हुए पाकिस्तान की सत्तासीन शहबाज सरकार से बातचीत का प्रस्ताव रखा। जिसे अब पाकिस्तान सरकार ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि 'आतंकियों' से बातचीत नहीं की जा सकती,  बल्कि राजनेताओं से होती है। मीडिया की एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई है। 

पाकिस्तान के समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान अब खुद राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की मांग कर रहे हैं। खान ने सरकार के साथ बातचीत करने के लिए 7 लोगों का एक दल गठित किया है। इसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। 

इमरान की पार्टी के इन नेताओं ने छोड़ा साथ

9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शुरू की गई कार्रवाई से ‘पीटीआई’ के अस्तित्व को लेकर खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद से कई प्रमुख नेता ‘पीटीआई’ को छोड़ चुके हैं। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं। अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को 

 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार किये जाने के बाद हिंसक विरोध शुरू हो गया था। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के विरोध में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 12 सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। 

भीड़ ने किया था रावलपिंडी सेना मुख्यालय पर हमला

भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी हमला किया था। इमरान के बातचीत के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सबसे बड़े नेता नवाज शरीफ ने ट्विटर पर कहा कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है। उन्होंने कहा, ‘शहीदों के स्मारक जलाने और देश को आग लगाने वाले आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों के समूह से कोई बातचीत नहीं होगी।’

सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा, 'देश पर हमला करने वालों को दंडित किया जाता है; उनके साथ बातचीत नहीं की जाती है।’ मरियम ने कहा कि शहीदों के स्मारक में तोड़फोड़ करने वालों से बातचीत करना ‘शहीदों का अपमान है’। 

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